बीमा के साथ मिलेगी उत्पादों की व्यापक रेंज, 2047 तक हो जाएंगे कई बदलाव: IRDAI के चेयरमैन देबाशीष पांडा
1 min readबीमा से जुड़े सभी तरह के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जोरदार तैयारी कर रही है। IRDAI के अध्यक्ष देबाशीष पांडा ने कहा है कि भारत को 2047 तक सभी के लिए बीमा लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिक संख्या में बीमा कंपनियों, उत्पादों की व्यापक रेंज और अधिक वितरण साझेदारों की जरूरत है।
उनके मुताबिक, भारत में बीमा पॉलिसियों के वृद्धि के लिए बहुत बहुत गुंजाइश है। यह बयान उन्होंने इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में दिया है।
तेजी से बढ़ रहा भारतीय बीमा बाजार
बीमा क्षेत्र को दो दशक पहले खोला गया था और जब यह बाजार बहुत बड़ा हो गया है। पिछले पांच साल में इस क्षेत्र में प्रत्येक साल 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2021 में बीमा सेक्टर में थोड़ी कमी देखी गई, जिसमें यह 4.2 प्रतिशत से कम है। पांडा के मुताबिक, 2047 तक सभी बीमा लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिक खिलाड़ियों, उत्पादों की एक व्यापक श्रेणी और अधिक वितरण भागीदारों की आवश्यकता है।
भारत में बीमा सेक्टर की बढ़त
राष्ट्रीयकरण से पहले, साल 1950 में 350 मिलियन से अधिक आबादी वाले देश में 245 जीवन बीमा और 145 गैर-जीवन बीमा कंपनियां थीं, जिनमें से 15 विदेशी स्वामित्व वाली थीं। राष्ट्रीयकरण के समय भी 75 भविष्य निधियां और शामिल हो गई थीं।
इन सेगमेंट्स में काम बाकी
पांडा ने बताया कि अभी भी लाखों छोटे व्यवसायों को ठीक से कवर नहीं किया गया है। साइबर और जलवायु जोखिम, लॉजिस्टिक्स, साझा गतिशीलता और अन्य अनछुए क्षेत्रों की एक लंबी सूची जैसे अन्य क्षेत्रों के लिए अलग-अलग रणनीति पर काम किया जा रहा है।