जम्मू-कश्मीर में नार्को-आतंकवाद चिंता का विषय : सेना
1 min readश्रीनगर जम्मू-कश्मीर में नार्को-आतंकवाद चिंता का विषय बनता जा रहा है। श्रीनगर शहर में बादामी बाग छावनी में इन्वेस्टिचर सेरेमनी के पहले सेगमेंट में एक सभा को संबोधित करते हुए भारतीय सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, कश्मीर नार्को-आतंकवाद में चिंताजनक वृद्धि देख रहा है। आगे कहा कि जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में सुरक्षा की स्थिति विशेष रूप से उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ विभिन्न एडवर्सली से इलाके और परिचालन गतिशीलता में कई चुनौतियां पेश करती है। हम राष्ट्र की लोकतांत्रिक परंपराओं को बरकरार रखते हुए भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम लगातार निगरानी रख रहे हैं और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। भारतीय सेना भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और हमेशा क्षेत्र के लोगों की भलाई के लिए काम करेगी। पिछले दो वर्षों में धारा 370 को निरस्त करने, गलवान संघर्ष और कोविड-19 की कई लहरों के मद्देनजर नई चुनौतियां सामने आई हैं। एलओसी पर स्थिति स्थिर बनी हुई है और संघर्षविराम जारी है। घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए एक बहुत सख्त निगरानी और एक मजबूत प्रौद्योगिकी सक्षम बहु-स्तरीय काउंटर घुसपैठ ग्रिड को बनाए रखा जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि संघर्षविराम उल्लंघन, घुसपैठ की कोशिशों या विरोधी द्वारा किए गए किसी भी अन्य दुस्साहस से ²ढ़ता से निपटा जाएगा। बीते वर्ष घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम किया गया है। कश्मीर नार्को-आतंकवाद में चिंताजनक वृद्धि देख रहा है, क्योंकि पाकिस्तान अब इसे अपने प्रॉक्सी युद्ध में एक नए उपकरण के रूप में उपयोग कर रहा है। इसके अलावा ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स के साथ-साथ हथियार भेजने की दोहरी रणनीति अपनाई जा रही है। सीमा पार आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी आतंकवाद को सहायता प्रदान करती है। सुरक्षाबल इस खतरे को रोकने के लिए पहले से ही काउंटर ड्रोन उपाय शुरू कर चुके हैं। हमारा ध्यान सभी हितधारकों और एजेंसियों के साथ तालमेल बनाकर, शांति की शुरुआत करने और विकासात्मक गतिविधियों को शुरू करने के लिए हमारे खुफिया तंत्र को मजबूत करने पर केंद्रित है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि समग्र स्थिति में सुधार हो रहा है और सरकार की विकासात्मक पहलों को गति देने के लिए एक सकारात्मक और अनुकूल वातावरण बनाया गया है। शांति और स्थिरता का लाभ दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों तक पहुंच रहा है और वे इस शांति को बनाए रखने के लिए पूरे दिल से भाग ले रहे हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति को लेकर उन्होंने कहा, यथास्थिति को एकतरफा बदलने के चीनी प्रयासों के प्रति सेना की प्रतिक्रिया भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा एक तेज, निडर और समन्वित कार्रवाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि राजनयिक और परिचालन स्तर पर एलएसी की स्थिति को हल करने के उपाय भी साथ-साथ चल रहे हैं।मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर फिजिकल पेट्रोलिंग और तकनीकी माध्यमों से वर्चस्व कायम किया जा रहा है और हमारी क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की जा रही है। द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति को सक्षम करने के लिए अमन-चैन की बहाली हमारा निरंतर प्रयास रहा है और रहेगा।