जिला को टीबी मुक्त बनाने के लिए हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन होगी कारगर साबित: उपायुक्त
1 min readविश्व क्षय रोग दिवस पर जारी टीबी रिपोर्ट 2023 में किया प्रकाशित
अजय शर्मा, ऊना, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी रोग को समाप्त करने के लिए जिला में चलाए जा रहे विभिन्नों अभियानों की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने प्रशंसा की है। विश्व क्षय रोग दिवस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी टीबी रिपोर्ट 2023 में इसे प्रकाशित किया है।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित हैंड-हेल्ड एक्स रे मशीन के माध्यम से 30 सैकेंड के भीतर ही टीबी के लक्षणों को पता लगाकर प्रारंभिक तौर पर ही टीबी रोग की पहचान होगी। ऊना जिला को दो हैंड-हेल्ड एक्स रे मशीनें सीएसआर के माध्यम से प्रदान की गई हैं जिससे आम लोगों की स्क्रीनिंग में काफी सुधार होगा। उन्होंने बताया कि 2022 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डायग्नोस्टिक का उपयोग शुरू हुआ और एचपीसीएल से सीएसआर के माध्यम से मशीनों की व्यवस्था की गई। इसी के तहत जिला ऊना टीबी की जांच और पहचान के लिए इस नवीनतम कृत्रिम बुद्धि पर आधारित तकनीक का उपयोग करने वाला प्रदेश का पहला जिला बना है।
उन्होंने बताया कि अब तक ग्रामीण स्तर पर झुग्गी झोपड़ियों, औद्योगिक श्रमिकों, मैनुअल मजदूरों इत्यादि 3700 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा 97 संभावित मामलों को चिन्हित किया गया है जिसमें 7 मामले प्रारंभिक चरण में पाॅजीटिव पाए गए जिनका शीघ्र उपचार आरंभ कर दिया गया है।
हैंड-हेल्ड एक्स रे मशीन के फायदे
राघव शर्मा ने बताया कि हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन कैमरे के साइज की पोर्टेबल मशीन है जिसे आसानी से फील्ड में ले जाया जा सकता है। इससे पहले आम लोगों को टीबी की जांच करवाने के लिए पूरा दिन अस्पताल में व्यतीत करना पड़ता था जिसके चलते लोग अपनी दिहाड़ी खराब होने से घबराते थे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा टीबी जांच में 30 सेकंड का समय लगता है। उन्होंने बताया कि एक्स-रे लेने से लेकर डायग्नोसिस तक की पूरी प्रक्रिया एक मिनट के भीतर पूर्ण हो जाती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित हैंड-हेल्ड एक्स रे मशीन आरंभिक चरण में टीबी का पता लगाने में सक्षम है, जिससे शुरुआती दौर में उपचार संभव हो पाता है। हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन हेतू डॉक्टर की आवश्यकता नहीं है क्योंकि प्रारंभिक निदान कृत्रिम बुद्धि के माध्यम से होता है। उन्होंने बताया कि एक्स-रे मशीन के माध्यम से ली गई फोटो को व्हाट्सएप के माध्यम से डॉक्टर को भेज कर इसकी पुष्टि की जा सकती है। हाथ से संचालित एक्स-रे मशीन का उपयोग टीबी से परे हैं क्योंकि इसे अन्य स्थितियों के लिए स्क्रीनिंग में सुधार हेतू एक वाहन के साथ क्षेत्र में तैनात किया जा सकता है। प्रत्येक मशीन की लागत लगभग 40 लाख रुपये है। उन्हांेने बताया कि वर्तमान में जिला ऊना में दो हैंड हेल्ड एक्से-रे मशीन उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि ल्यूमिनस पावर टैक्नोलाॅजी ने भी ग्रामीण स्तर पर सुगमता के साथ टीबी मरीजों की पहचान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित हैंड-हेल्ड एक्स रे मशीन से लैस दूसरी एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग को प्रदान की है।
हैंड हेल्ड एक्स-रे हिमाचल प्रदेश में टीबी को समाप्त करने के क्षेत्र में एक नया उपकरण है। जिला ऊना एक औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें 350 क्रियाशील औद्योगिक इकाइयां हैं। प्रदेश में प्रवासियों की संख्या काफी अधिक है जोकि मुख्य रूप से शहरी स्लम एरिया में रहते हैं। सीमित पहुंच होने के कारण स्लम एरिया में रहने वाले प्रवासी लोग खर्चे के डर से या पैसे न होने के कारण अपने स्वास्थ्य की उचित देखभाल नहीं कर पाते।
जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर लोगों में टीबी के लक्षणों का समय रहते पता लगाने के लिए अधिक से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करना है। सीएसआर के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित हैंड-हेल्ड एक्स रे मशीन बैटरी फ्लैट पैनल डिटेक्टर के साथ संचालित होती है तथा काफी आसानी से लोगांे के घर-द्वार जाकर स्क्रीनिंग करने में सक्षम है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक टीम बनाई गई है जिसमें एक एक्स-रे टेक्निशियन, एक स्थानीय आशा और स्वास्थ्य वर्कर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय आशा व स्वास्थ्य वर्कर द्वारा संभावित मरीज से टीबी जैसे लक्षणों पर चर्चा करने के उपरांत मरीज का एक्स-रे लिया जाएगा।