भगवंत मान के नेतृत्व अधीन स्कूल शिक्षा विभाग का चहुमुखी विकास यकीनी बनाने के लिए किये नवीन प्रयास
1 min readसचिन, चंडीगढ़, पंजाब के लोगों को बेहतरीन शिक्षा और स्वास्थ्य सहूलतें देने के वायदे से मुख्यमंत्री भगवंत मान का नेतृत्व वाली पंजाब सरकार के राज्य में सत्ता संभालने के उपरांत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय के साथी बनने की दिशा में प्रतिदिन नये प्रयास किये जा रहे हैं। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जहाँ राज्य सरकार की तरफ से सरकारी स्कूलों की इमारतों और अन्य कामों के लिए 228 करोड़ रुपए से अधिक के फंड 1 अप्रैल, 2022 से अब तक जारी किये गए हैं, वहीं साथ ही स्कूल में ज़रुरी साजो-सामान की खरीद के लिए भी पैसा दिया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से राज्य में 117 स्कूल ऑफ ऐमीनैंस बनाने का फ़ैसला किया गया है और इन स्कूलों के नक्शे सम्बन्धी कार्य आखिरी पड़ाव के संशोधन में है। राज्य सरकार ने मुलाज़िम-हितैषी होने का सबूत देते हुये लंबे समय से कच्चे अध्यापकों के तौर पर सेवा निभा रहे मुलाजिमों को पक्का करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करके आगे कार्यवाही चल रही है। प्रवक्ता ने बताया राज्य सरकार की तरफ से राज्य में धर्म निरपेक्षता को यकीनी बनाने और जात-पात को ख़त्म करने के लिए राज्य में स्थित ऐसे सभी सरकारी स्कूलों के नाम बदलने के हुक्म जारी किये हैं जिनके नाम जाति और बिरादरी अधारित रखे गए हैं। इसके साथ ही राज्य सरकार की तरफ से स्कूलों के नाम शहीदों और स्वतंत्रता संग्रामियों के नामों पर रखने का फ़ैसला भी किया गया है। उन्होंने बताया कि कि राज्य में यह पहली बार हुआ है कि सरकारी स्कूलों में माता-पिता अध्यापक मिलनी करवाई गई जिसमें 15 लाख से अधिक माता-पिता ने शिरकत की और साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, डिप्टी कमिश्नर और सब डिवीज़न मैजिस्ट्रेट द्वारा इस माता-पिता अध्यापक मिलनी में हिस्सा लिया हो। उन्होंने बताया कि भगवंत मान सरकार की तरफ से असेसमेंट सम्बन्धी ज़िला स्तरीय टीम की बनावट में तबदीली की गई है जिससे सरकारी स्कूलों की सही असेसमेंट हो सके। इसके इलावा स्कूलों में बच्चों की संख्या अनुसार अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए जहाँ लगातार भर्ती प्रक्रिया चलाई जा रही है, वहीं साथ ही बी. एम. / डी. एम. के तौर पर सेवा निभा रहे अध्यापकों को भी मिशन 100 प्रतिशत की सफलता के लिए स्कूल में वापिस तैनात किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा विभाग पंजाब में काम कर रहे स्कूल शिक्षा प्रशासकों, स्कूल मुखियों और अध्यापकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करवाने के लिए अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मामले सेल ( इंटरनेशनल एजुकेशन अफ़ेअरज़ सेल) की स्थापना की गई है। इसके साथ ही हाल में सिंगापुर के नामी मैनेजमेंट स्कूल से 66 स्कूल मुखियों को प्रशिक्षण दिलाया गया है। इसके साथ ही बिज़नस ब्लास्टर यंग ऐंटरोप्रोन्योर पायलट स्कीम की शुरुआत करके सरकारी स्कूलों में 11वीं और 12वीं में पढ़ते विद्यार्थियों के व्यापारिक सपनों को साकार करने के लिए मौका दिया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में काम करते अध्यापकों के लिए तबादला नीति में ज़रूरी संशोधन करके अध्यापकों की घरों के नज़दीक ट्रांसफर की गई जिससे अध्यापक अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का भी सही निर्वाह कर सकें। प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में योगदान डाल रही ग़ैर सरकारी संस्थाओं के साथ परस्पर सहयोग बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग के दफ़्तर डायरैक्टर राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद में ’पार्टनरशिप सेल’ स्थापित किया गया है।