September 18, 2024

कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल द्वारा किसानी मसलों सम्बन्धी संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग

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कँटीली तार के आसपास के किसानों को पेश मुश्किलों के हल का भरोसा
शिवालिक पत्रिका,
चंडीगढ़, पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अपने दफ़्तर में संयुक्त किसान मोर्चा (ग़ैर-राजनैतिक) के प्रतिनिधियों के साथ किसानी मसलों सम्बन्धी मीटिंग की। मीटिंग में उन्होंने कृषि विभाग के प्रमुख सचिव को आदेश दिया कि जिन किसानों को फसलों के नुकसान का मुआवज़ा नहीं मिला, उनके विवरण डिप्टी कमिश्नरों से 15 मई तक प्राप्त किये जाएँ जिससे किसानों को मुआवज़ा जल्द दिया जा सके। धालीवाल ने राजस्व विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को फसलों के नुकसान की सही गिरदावरी करके रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। उन्होंने किसान प्रतिनिधियों को यह भरोसा भी दिलाया कि सायलोज़ मंडियों सम्बन्धी मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ बात की जायेगी। इसके इलावा कँटीली तार के आसपास के किसानों को पेश मुश्किलों सम्बन्धी धालीवाल ने बताया कि इस सम्बन्धित केंद्र सरकार को पहले ही लिखा हुआ है। किसान प्रतिनिधियों की तरफ से कहा गया कि कँटीली तार के नज़दीक ज़मीनें या तो बी. एस. एफ. एक्वायर कर लें या उनको ज़मीनों के एवज में अन्य जगह ज़मीन अलॉट की जाये जिससे उनकी रोज़ी-रोटी का काम चलता रहे। कृषि मंत्री ने लम्पी स्किन बीमारी के साथ मरे पशुओं का मुआवज़ा देने संबंधी किसान प्रतिनिधियों को बताया कि पंजाब सरकार द्वारा पहले ही केंद्र सरकार को सहायता देने के लिए लिखा हुआ है और पशु पालन विभाग के साथ मीटिंग करके नुकसान के विवरण प्राप्त करने के उपरांत अगली कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने लैड्ड मार्टगेज बैंक की तरफ से जारी वारंटों पर फिलहाल कोई कार्यवाही न करने का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने कहा कि ज़मीन बसाने वाला किसानों को राजस्व हक देने के लिए जल्द नयी नीति बनाई जायेगी। इस मौके पर खुदकुशी करने वाले किसानों के रहते परिवारों को 5-5 लाख रुपए के मुआवज़ा देने सम्बन्धी धालीवाल ने बताया कि मौजूदा समय हमारे पास कोई केस पैंडिंग नहीं है, यदि कोई परिवार मुआवज़े से वंचित रह गया है तो किसान यूनियनें उनकी सूची बना कर भेजें जिससे उनको भी जल्दी से जल्दी मुआवज़ा दिलाया जा सके। मीटिंग में किसान यूनियन के प्रतिनिधि जगजीत सिंह डल्लेवाल और बलदेव सिंह सिरसा के अलावा कृषि विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

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