अमन अरोड़ा द्वारा यू.के. की फर्म के साथ नगरपालिका और कृषि अपशिष्ट आधारित सी.बी.जी. प्रोजेक्टों के लिए ढांचागत ज़रूरतों के हल संबंधी चर्चा
1 min readनवीन व नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री द्वारा कार्बन मास्टर्स और हासिरू डाला इनोवेशन्ज़ के नुमायंदों के साथ मुलाकात; पंजाब में निवेश करने में दिखाई रूचि
शिवालिक पत्रिका, चंडीगढ़, 28 अप्रैलः राज्य में कृषि अपशिष्ट और नगरपालिका ठोस अपशिष्ट की समस्या के स्थायी और वैज्ञानिक हल तलाशने हेतु पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने यू.के. की कंपनी मैसर्ज कार्बन मास्टर्स और मैसर्ज हासिरू डाला इनोवेशन्ज़ के साथ नगरपालिका ठोस अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट का प्रयोग करके कम्प्रेस्ड बायोगैस (सी.बी.जी.) तैयार करने के लिए बुनियादी ढांचे सम्बन्धी ज़रूरतों बारे चर्चा की। ज़िक्रयोग्य है कि श्री अमन अरोड़ा ने नगरपालिका ठोस अपशिष्ट और कृषि अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस ( सी.एन.जी.) और कम्प्रेस्ड बायोगैस (सी.बी.जी.) के उत्पादन का अध्ययन करने के लिए पिछले महीने बेंगलुरु का दौरा किया था। उन्होंने इन फर्मों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद इनसे राज्य का दौरा करने और पंजाब में प्लांट स्थापित करने की संभावनाएं तलाशने का आह्वान किया था। अरोड़ा ने पेडा के चेयरमैन एच.एस. हंसपाल और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि भगत के साथ मैसर्ज कार्बन मास्टर्स के सह-संस्थापक सोम नारायण और डायरेक्टर केविन ह्यूस्टन और मैसर्ज हासिरू डाला इनोवेशन्ज़ के नुमायंदों का स्वागत किया। इन फर्मों से ‘इन्वेस्ट इन दी बेस्ट’ का आह्वान करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार हरित और प्राकृतिक ऊर्जा के उत्पादन के मामले में पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प रखती है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्टैंप ड्यूटी, बिजली ड्यूटी, सी.एल.यू. और ई.डी.सी. चार्जिज़ से छूट देने के अलावा अन्य और भी वित्तीय रियायतों की पेशकश की जा रही है। इसके अलावा ‘इनवेस्ट पंजाब’ के द्वारा सिंगल विंडो क्लीयरेंस भी प्रदान की जा रही है। मैसर्ज कार्बन मास्टर्स और मैसर्ज हासिरू डाला इनोवेशन्ज़ के नुमायंदों ने पंजाब में निवेश करने में गहरी रूचि दिखाई है। अमन अरोड़ा ने इन फर्मों को धान की पराली पर आधारित सी.बी.जी. प्रोजेक्टों की एलोकेशन के लिए राज्य सरकार की नीतियाँ/ दिशा-निर्देशों अनुसार पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) के पास प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा। उन्होंने पेडा के अधिकारियों को हिदायत की कि वह प्लांट स्थापित करने हेतु स्थान चुनने के लिए उनको तहसीलों की सूची मुहैया करवाएं। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को नगरपालिका अपशिष्ट पर आधारित सी.बी.जी. प्रोजेक्टों की एलोकेशन के लिए रूप-रेखा तैयार करने के लिए भी कहा।