सीएम सुक्खू ने विधानसभा में पहला बजट किया पेश
1 min readशिवालिक पत्रिका, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया। वितीय वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री कई नई योजनाओं की नीव रखी है। राज्य के सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिहाज से हिमाचल प्रदेश को एक आदर्श राज्य बनाया जाएगा। इसके साथ ही डीजल से चलने वाली कुल 1,500 बसों को 1,000 करोड़ रुपये की लागत से बदला जाएगा। हिमाचल सरकार 75 हजार करोड़ के कर्ज तले दबी है। इस हिसाब से हिमाचल के हर व्यक्ति पर 92833 हजार का कर्ज है।
बजट में प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित करने और सभी 12 जिलों को अगले एक वर्ष के दौरान हेलिपोर्ट सुविधा से जोड़ने की भी घोषणा की गई है। हालांकि 2022-23 के दौरान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई जो 2021-22 के दौरान 7.6 प्रतिशत थी। संशोधित वेतनमान के बकाये और 11,000 करोड़ रुपये के महंगाई भत्ते के भुगतान के कारण राज्य पर 75,000 23 के लिए 13,141 करोड़ रुपये की अनुदान की पूरक मांगों को 15 मार्च को सदन ने पारित किया था। सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के कल्याण की खातिर काम करने आई है और इसी क्रम में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया गया है।
सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार जनता से किए सभी वादों को चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी। पहले चरण में, 2,31,000 महिलाओं को वादे के मुताबिक प्रतिमाह 1,500 रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 20,000 लड़कियों को इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदने पर 25,000 रुपये की सब्सिडी देने की भी घोषणा की। हिमाचल प्रदेश बजट की प्रमुख घोषणाएं की गई हैं। 10 हजार मेधावी छात्रों को टैबलेट दिए जाएंगे। सरकारी स्कूल की छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी पर 25,000 की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। 31 मार्च 2026 तक हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने की घोषणा की गई है।
इसी के साथ आंगनबाड़ी, आशा वर्कर, मिड डे मील वर्कर, वॉटर केरियर Mts वर्कर, आउट सौर्स, सिलाई अध्यापकों का मानदेय 500 बढ़ाया गया है। मजदूरों की दिहाड़ी 25 रुपये बढाकर 325 की गई। विभिन्न विभाग में 25 हजार पद भरने की भी घोषणा की है। विधायक विकास निधि को दो करोड़ से बढाकर दस लाख किया गया।
सरकार शराब के ठेकों की नीलामी पारदर्शिता लाने से सरकार की आय में भारी बड़ौतरी की भी बात कह रही है। शराब की हर बोतल पर 10 रुपए के हिसाब से दूध के लिए सेस लगेगा. वॉटर सेस से भी सरकार की आय में चार हजार करोड़ की आय की उम्मीद है।