पशुधन बीमा योजना का लाभ उठाएं पशुपालक : डीसी
1 min readचालु वित्त वर्ष के दौरान अब तक अब तक दो हजार पशुओं का हो चुका बीमा
▪️ हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में पशुधन को जोखिम मुक्त करने के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामुहिक पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है।
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य हरियाणा के पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय पशुधन मिशन और राज्य सरकार के सांझा सहयोग द्वारा चलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि झज्जर जिले में अब तक दो हजार पशुओं का बीमा किया जा चुका है।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग झज्जर के उपनिदेशक डॉ मनीष डबास ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत दो प्रकार के पशुओं का वर्गीकृत किया गया है- बड़े पशु तथा छोटे पशु। बड़े पशुओं में गाय, भैंस, झोटा, घोड़ा, ऊंट, गधा, खच्चर इत्यादि और छोटे पशुओं में भेड़, बकरी सूअर इत्यादि का बीमा किया जाता है। प्रत्येक परिवार पांच पशुधन यूनिट का बीमा करवा सकता है। एक पशुधन यूनिट का अभिप्राय एक बड़ा पशु अथवा दस छोटे पशु है। इसके साथ-साथ गौशाला भी अपने पांच पशुओं का बीमा करवा सकती हैं। एक परिवार का आशय पति- पत्नी और उनके आश्रित बच्चों से है। डॉ डबास ने कहा कि योजना का लाभ अधिक से अधिक पशुपालकों को पहुंचाने के लिए अनुसूचित जाति के पशुपालकों का बीमा नि:शुल्क किया जाता है व अन्य वर्गों के पशुपालकों के लाभार्थी मात्र सौ, दो सौ व तीन सौ रुपये प्रति पशुधन प्रति वर्ष देकर अपने बड़े पशु का तथा मात्र पच्चीस रुपये प्रति पशुधन प्रति वर्ष देकर अपने छोटे पशु का बीमा करवा सकते हैं । पशुपालक का अंशदान प्रति पशुधन प्रति वर्ष (सौ, दो सौ व तीन सौ रुपये) पशु की दुग्ध क्षमता के अनुसार तय की जाएगी ।
डॉ मनीष डबास ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत बीमित पशुधन की आकस्मिक एवं दुर्घटना मृत्यु को कवर किया जाएगा। पशुधन का बीमा हो जाने के पश्चात प्रारम्भिक 21 दिनों तक केवल दुर्घटना से मृत्यु का कवरेज शामिल है (पुलिस सूचना अनिवार्य) तथा पशु की आकस्मिक ( बीमारी से) मृत्यु का कवरेज बीमा करने के 21 दिन पश्चात प्रारंभ होगा द्य पशुधन की चोरी कवरेज में शामिल नहीं है। पशुधन बीमा के लिए इच्छुक लाभार्थी सरल पोर्टल ( saralharyana.gov.in) या अपने निकटतम ई- सेवा केंद्र, अटल सेवा केंद्र, ई- दिशा केंद्र व अंत्योदय केंद्र के माध्यम से अपना आवेदन कर सकता है। इसके लिए परिवार पहचान पत्र, मतदाता व राशन कार्ड की कॉपी, पशु चिकित्सक द्वारा जारी पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल आदि मुहैया करवानी होगी। अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्थान से संपर्क किया जा सकता है।