बेसहारा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इनको व्यापक प्रशिक्षण देना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी: डीसी
1 min readशिवालिक पत्रिका, गुरुग्राम,
डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि जिला में स्थित बाल देखरेख संस्थानों में रह रहे बेसहारा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इनको व्यापक प्रशिक्षण देना हम सभी की नैतिक व सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह बात चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, डीएलएसए व बाल देखरेख संस्थान(सीसीआई) में बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए आयोजित बैठक के दौरान कही। यह बैठक लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में बुलाई गई थी। बैठक में डीसी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संस्थानों का नियमित दौरा कर वहां असहाय बच्चों को दी जा रही सुविधाओं की निरन्तर मोनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि संस्थानों में रहने वाले बच्चों के पूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए ताकि ये बच्चे सम्मान और गर्व के साथ अपना जीवन व्यतीत करें। डीसी ने बैठक में उपस्थित चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, डीएलएसए व चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट के सदस्यों से कहा कि इस पूरे अभियान में भले ही हम सभी के पास अलग अलग प्रकार की जिम्मेदारियां हैं लेकिन हम सभी का लक्ष्य एक ही है इन बच्चों का पुनरुत्थान। ऐसे में आप सभी विभागों व संस्थाओं को आपस मे बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी जल्द ही इन संस्थानों में दी जा रही सुविधाओं का जायजा लेने के लिए विजिट करेंगे। एक एनजीओ के माध्यम से जिला के सभी चौक-चौराहों का सर्वे करवाया जाएगा। सर्वे के बाद एक रेस्क्यू आपरेशन के माध्यम से चिन्हित बच्चों को बाल देखरेख संस्थान में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू के दौरान मौके पर भीख मांगने वाले बच्चों के साथ व्यक्ति या महिला है तो उसे भी साथ ले जाया जाएगा। ताकि यह पता किया जा सके कि यह बच्चा किसका है। डीसी ने कहा कि इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा भीख मंगवाने वालों पर कानूनी कार्रवाई के तहत मामले भी दर्ज करवाएं जाएंगे। वहीं जिन बच्चों के माता पिता अभी जीवित है उनकी विशेष काउंसिलिंग करवाई जाएगी। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नेहा दहिया, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव ललिता पटवर्धन सहित चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सदस्य व जिला में कार्यरत विभिन्न चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट के पदाधिकारी उपस्थित थे।