चौलाई: साग ही नहीं सुपर फूड भी है यह पौधा
1 min readखेती किए जाने वाले सबसे प्राचीन खाद्य होने के बावजूद चौलाई मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके फूल बैंगनी और लाल रंग के होते हैं। चौलाई के बीजों को राजगिरा और रामदाना भी कहा जाता है। चौलाई को सबसे अधिक स्वास्थ्य खाद्य की दुकानों में बेचा जाता है, क्योंकि यह अभी भी व्यापक रूप से खेती के प्रकार का अनाज नहीं है, लेकिन इस पोषक तत्वों से भरे हुए अनाज की मांग बढ़ रही है। चौलाई सबसे अधिक संयुक्त राज्य में उगाई जाती है। चौलाई की कई प्रजातियां भारत में उगाई और उपयोग की जाती हैं। चौलाई के पत्ते भी मूल्यवान होते हैं, हालांकि अनाज की तुलना में बहुत कम लोकप्रिय हैं।
चौलाई को कच्चा नहीं खाया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें ऑक्सालेट और नाइट्रेट्स जैसे कुछ विषाक्त या अवांछनीय घटक होते हैं जिन्हें उबालकर और उचित तैयारी से समाप्त किया जा सकता है। हालांकि इसमें मूल्यवान एंटीऑक्सिडेंट और फेनालिक यौगिक भी होते हैं। इसके पत्तों और बीजों में प्रोटीन, विटामिन ए और खनिज प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। यह अनेक औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
लाल साग, चौलाई, अमरांथ या राजगिरा… इसके कई नाम है, लेकिन फायदे के मामले में ये सुपरफूड है। आप इसे साग के तौर पर खा सकते हैं या फिर अनाज के तौर पर, दोनों के अपने-अपने हेल्थ बेनिफिट्स हैं। आयुर्वेद में भी इसके गुणों का बखान किया गया है। अगर आप रोज अपने खाने में इस सुपरफूड को शामिल करें तो इस सब्जी को खाने से आपके पेट और कब्ज संबंधी किसी भी प्रकार के रोग में लाभ मिलेगा। चौलाई की सब्जी का नियमित सेवन करने से वात, रक्त व त्वचा विकार दूर होते हैं। डॉक्टरों और दवाईयों से दूर रहने में मदद मिलेगी। आयुर्वेदिक डॉक्टर डॉ. रेखा राधामोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर इस सुपरफूड के चमत्कारी फायदे के बारे में विस्तार से बताया है।
वजन कंट्रोल करने में मदद
अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं तो रोज अपने खाने में राजगिरा को शामिल करें। इसमें मौजूद हाई मिनरल्स, फाइबर आपको वजन कम करने में मदद करेगा। चौलाई में मौजूद तत्व बॉडी में हार्मोन को रिलीज करने में मदद करते हैं। इसे खाने के बाद आपको जल्दी भूख भी नहीं लगेगी।
कोलेस्ट्रॉल कम करे
चौलाई का साग या राजगिरा खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद डायट्री फाइबर खाने को पचाने के साथ-साथ कब्ज की समस्या को कम करने में मदद करता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होने पर फैट कम होने लगता है।
विटामिन से भरपूर
चौलाई में विटामिन ए की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में इस विटामिन की कमी को पूरा करने में मददगार साबित होता है। विटामिन ए और सी का ये अच्छा सोर्स है, जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद है।
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शुगर लेवल कंट्रोल करने मे मददगार
चौलाई का साग या राजगिरा डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। ये शरीर में इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह शरीर में आयरन की मात्रा को संतुलित रखता है।
कब्ज की समस्या दूर करे
चौलाई या राजगिरा में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है। इसे उबालकर उसका पानी पीने से पेट दर्द, गैस और कब्ज की समस्या खत्म होती है। राजगिरा में प्रोटीन, विटामिन सी, ई, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रखता है। पाचन शक्ति को बढ़ावा मिलता है।
रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाएं
राजगिरा को रोज खाने से शरीर में सूजन, हड्डियों को मजबूत करने में मदद मिलती है। वहीं यह दिल को मजबूत करता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में जिंक पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
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नुकसान
कुछ लोग, खासकर बच्चे लियासिनिक प्रोटीन को सहन नहीं कर पाते हैं जो दस्त और पेट दर्द का कारण बन सकता है।
लाइसिन शरीर के कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाता है और शरीर में मुक्त कैल्शियम की हानि-क्षति उत्पन्न करता है।