September 18, 2024

देवी दुर्गा का नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि शुरू

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इस साल देवी दुर्गा का वाहन हाथी है।शास्त्रों की मान्यता है कि नवरात्रि में जब देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं, तब ज्यादा बारिश के योग बनते हैं।

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों का होगा और 30 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है।

इस वर्ष विशेष है नवरात्र पर्व

2023: रविवार 15 अक्टूबर से देवी दुर्गा का नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि शुरू हो रहा है। रविवार को घट स्थापना होगी। ये पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा। इस साल देवी दुर्गा का वाहन हाथी है।शास्त्रों की मान्यता है कि नवरात्रि में जब देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं, तब ज्यादा बारिश के योग बनते हैं. आइए जानते हैं इस
पर्व की संपूर्ण जानकारी

नवरात्रि पर पं संदीप शर्मा की मानें तो इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों का होगा और 30 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है।शारदीय नवरात्रि पर बुधादित्य योग, शश राजयोग और भद्र राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का आरंभ रविवार 15 अक्टूबर 2023 से हो रहा है। देवी भागवत पुराण में बताया गया है कि महालया के दिन जब पितृगण धरती से लौटते हैं तब मां दुर्गा अपने परिवार और गणों के साथ पृथ्वी पर आती हैं। जिस दिन नवरात्र का आरंभ होता है उस दिन के हिसाब से माता हर बार अलग-अलग वाहनों से आती हैं।

माता का अलग-अलग वाहनों से आना भविष्य के लिए संकेत भी होता है जिससे पता चलता है कि आने वाला साल कैसा रहेगा, वैसे तो देवी दुर्गा का वाहन सिंह है, लेकिन नवरात्रि की शुरुआत में वार के अनुसार देवी का वाहन बदल जाता है। इस बार नवरात्रि रविवार से शुरू हो रही है। इस कारण देवी का वाहन हाथी रहेगा। देवी के इस वाहन का संदेश ये है कि आने वाले समय में देश को लाभ हो सकता है।लोगों को सुख-समृद्धि मिलेगी.

      पं संदीप शर्मा ने बताया कि हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है।मां दुर्गा की उपासना का पर्व साल में चार बार आता है. जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती है। शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. नवरात्रि की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर 2023 से होगी और  23 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि समाप्त होगी।

वहीं 24 अक्टूबर विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर 2023 की रात 11:24 मिनट से शुरू होगी।ये 15 अक्टूबर की दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगी।उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर से होगी।

हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

पं संदीप शर्मा ने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन के आधार पर मां दुर्गा की सवारी के बारे में पता चलता है।नवरात्रि में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है। माता हाथी पर सवार होकर धरती पर आ रही हैं। हाथी पर माता का आगमन इस बात की ओर संकेत कर रहा है कि इस साल खूब अच्छी वर्षा होगी और खेती अच्छी होगी।देश में अन्न धन का भंडार बढ़ेगा।

असर –

पं संदीप शर्मा ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है। हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने साथ ढेर सारी खुशियां और सुख-समृद्धि लेकर आती हैं। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है। इससे देश में आर्थिक समृद्धि आयेगी, साथ ही ज्ञान की वृद्धि होगी। हाथी को शुभ का प्रतीक माना गया है। ऐसे में आने वाला यह साल बहुत ही शुभ होगा। लोगों के बिगड़े काम बनेंगे।. माता रानी की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों पर विशेष कृपा बरसेगी।

कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त-

पंडित जी ने बताया कि पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 तक है।ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 48 मिनट ही रहेग।

घटस्थापना तिथि: रविवार 15 अक्टूबर 2023
घटस्थापना मुहूर्त: प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08: 47 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक

प्रस्तुति: सुखविंदर

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