दो दशकों से अपनी जन्मभूमि से बिछड़ने का दर्द झेल रहा लोहारडी पंचायत का एक परिवार
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20 वर्ष पहले आग में जल गया था घर बार, अब पंचायत प्रधान रोशन बबलू बने परिवार के लिए सहारा
नेरचौक, अजय सूर्या : बल्ह उपमंडल की लोहारडी पंचायत के आग से बेघर हुए परिवार को एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी ने राहत सामग्री, जिसमें कंबल, बिस्तर, गद्दे, बच्चों व औरतों के कपड़े, तिरपाल, बर्तन इत्यादि देकर मदद की। जिसके लिए पीड़ित परिवार के सदस्यों ने लोहारडी पंचायत प्रधान एवं एसडीएम बल्ह का आभार व्यक्त किया।
लोहारडी पंचायत प्रधान रोशन बबलू ने जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 20 वर्ष पहले यह परिवार लोहारडी पंचायत के धार गांव में रहता था। इनके बुजुर्गों ने अपनी जमीन जायदाद बेचकर सुनार का काम शुरू किया था, लेकिन बाद में वह चल बसे। उसके बाद इनका घर बार एक आगजनी की भेंट चढ़कर स्वाह हो गया। उसके बाद उनकी सारी दुनियां ही उजड़ गई। जब इस परिवार के पास कुछ नहीं बचा तो परिवार ने गांव छोड़ दिया व दूसरे राज्य में जाकर अपना गुजर बसर करने लगे। इस परिवार के मुखिया स्वर्गीय बंसीलाल सुनार के चार पुत्र हैं जिनमें से बड़े पुत्र की भी मृत्यु हो चुकी है। वहीं एक पुत्र भीख मांग कर अपना गुजारा करता है तथा दो बेटे बाहरी राज्य में दिहाड़ी इत्यादि लगाकर अपना व परिवार का पेट पाल रहे हैं।
अपने गांव में फिर से बसने की उम्मीद छोड़ चुके परिवार के लिए लोहारडी पंचायत के वर्तमान प्रधान रोशन बबलू एक उम्मीद बन कर सामने आए हैं तथा परिवार की हर प्रकार से मदद कर रहे हैं। इस परिवार के पास दिखाने के लिए अपना एक कागज तक नहीं बचा है। अब रोशन बबलू पिछले दो-तीन महीने से इस परिवार का पिछला रिकॉर्ड छान रहे हैं तथा उनके लीगल कागजात बनवाने में लगे हुए हैं। आबादी देह के तहद इस परिवार का धार गाँव में एक मकान था जो 20 वर्ष पहले पूरी तरह से जल कर राख हो गया था। लेकिन खंडहर के रूप में उसके अवशेष आज भी गांव में मौजूद हैं, जिसके आधार पर पंचायत प्रधान ने कार्यवाही अमल में लाई तथा इस परिवार को फिर से लोहारडी के धार गांव में बसाने की जिम्मेदारी ली है। प्रधान द्वारा जब एसडीएम बल्ह स्मृतिका नेगी के समक्ष यह सारा मामला रखा तो उन्होंने परिवार को तुरंत राहत सामग्री देते हुए आगे भी उनकी हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
लोहारडी पंचायत के प्रधान रोशन बबलू ने कहा है कि जो उम्मीद इस उजड़े परिवार ने उनसे लगाई है उस उम्मीद को वह टूटने नहीं देंगे। परिवार के लोग अपने गांव में फिर से बसने की जो उम्मीद छोड़ चुके हैं उस उम्मीद को पूरा करने की और उस गांव में उन लोगों को बसाने की वह हर संभव कोशिश कर रहे हैं। रोशन बबलू ने कहा कि विभाग के दफ्तरों में पिछले सारे रिकॉर्ड खंगाल कर परिवार के हर प्रकार के लीगल कागजात बनवा रहे हैं। जैसे ही सभी कागजात बन जाएंगे उसके बाद उनके मकान इत्यादि बनवाने में भी मदद की जाएगी।