हिंदू कभी धर्म पूछकर नहीं मारते, दिखानी होगी शक्ति: मोहन भागवत
मुंबई: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने निर्दोष नागरिकों से उनके धर्म के बारे में पूछताछ करने के बाद उनकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि एक हिंदू कभी ऐसा कृत्य नहीं करेगा। उन्होंने सरकार से पहलगाम आतंकी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देने का आग्रह किया, जिसमें 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, बंदूकधारियों द्वारा मारे गए थे। आरएसएस प्रमुख ने मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों से उनका धर्म पूछा गया और उन्हें मार दिया गया। हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे
भागवत ने कहा कि अभी जो लड़ाई चल रही है, वह संप्रदाय और धर्म के बीच नहीं है। बल्कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। हमारे सैनिकों या हमारे लोगों ने कभी किसी को उसका धर्म पूछकर नहीं मारा। जो कट्टरपंथी लोगों ने लोगों को उनका धर्म पूछकर मारा, हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे। इसलिए देश को मजबूत होना चाहिए। सभी दुखी हैं, हमारे दिलों में गुस्सा है जैसा कि होना चाहिए, क्योंकि राक्षसों का नाश करने के लिए अपार शक्ति की आवश्यकता होती है। लेकिन कुछ लोग इस बात को समझने को तैयार नहीं हैं, और उनमें अब किसी भी तरह का बदलाव नहीं हो सकता।
भागवत ने कहा कि रावण भगवान शिव का भक्त था, वेदों का ज्ञाता था, एक अच्छा इंसान बनने के लिए जो कुछ भी चाहिए वो सब उसके पास था, लेकिन उसने जो मन और बुद्धि अपनाई थी वो बदलने को तैयार नहीं थी। रावण तब तक नहीं बदल सकता था जब तक वो मर कर दोबारा जन्म न ले। इसीलिए राम ने रावण को बदलने के लिए उसे मारा। बुरे लोगों का खात्मा होना चाहिए, यही अपेक्षा है। ये अपेक्षा पूरी होगी।
