October 18, 2024

यूरिक एसिड- शरीर में अवशेष बढ़ने से होती है यह खतरनाक बीमारी

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यूरिक एसिड भी शरीर में बनने वाला वेस्ट प्रोडक्ट है जो हम सभी की बॉडी में बनता है

यूरिक एसिड हाई रहने से गठिया या गाउट का खतरा बढ़ता है

मानव शरीर अपनी जरूरत के अनुसार आवश्यक विटामिन, खनिज, अमीनो एसिड या अन्य तत्व स्वयं पैदा करता है जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। लेकिन प्राकृतिक भोजन के अभाव में या खान-पान की गड़बड़ियों से कई ऐसे तत्व शरीर पैदा करने लग जाता है जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं। शरीर उन तत्वों को जो अधिक मात्रा में शरीर में बन जाते हैं या जिनकी शरीर को आवश्यकता नहीं होती है उन्हें मल, मूत्र या पसीने के द्वारा शरीर से बाहर निकाल देता है। ऐसी तत्वों को शरीर वेस्ट प्रोडक्ट्स मानकर शरीर से बाहर निकलता है।

यूरिक एसिड भी शरीर में बनने वाला वेस्ट प्रोडक्ट है जो हम सभी की बॉडी में बनता है। इसका बनना और फिर बॉडी से बाहर निकल जाना नैचुरल प्रोसेस है। किडनी इन टॉक्सिन को फिल्टर करके यूरीन के जरिए बॉडी से बाहर निकालती है। कुछ लोग डाइट में लापरवाही बरतते हैं जिसकी वजह से उनकी बॉडी में प्यूरीन नाम के रसायन की मात्रा बढ़ने लगती है। डाइट में प्यूरीन का अधिक सेवन करने से यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। अगर लम्बे समय तक प्यूरीन डाइट पर कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये टॉक्सिन जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगते हैं जिसे हाइपरयुरिसीमिया कहा जाता है जो गाउट का खतरा बढ़ाता है।

यूरिक एसिड हाई रहने से सिर्फ गठिया या गाउट का ही खतरा नहीं बढ़ता बल्कि ब्लड शुगर हाई होने का खतरा भी अधिक रहता है। 2019 की रिसर्च के मुताबिक हाइपरयुरिसीमिया डायबिटीज और उससे संबंधित जटिलताओं के विकास से जुड़ा हुआ है। हेल्थलाइन के मुताबिक हाई ब्लड शुगर वाले लोग जैसे कि प्रीडायबिटीक या डायबिटीज से पीड़ित लोगों में भी हाइपरयुरिसीमिया का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो अपने ब्लड शुगर की जांच जरूर कराएं। अगर आपको डायबिटीज नहीं है लेकिन यूरिक एसिड हाई रहता है तो भी शुगर की जांच जरूर कराएं। हाई यूरिक एसिड के मरीज यूरिक एसिड को कंट्रोल करें और ब्लड शुगर से बचाव करने के लिए डाइट का खास ध्यान रखें।

यूरिक एसिड के मरीज बॉडी में बढ़ने वाले टॉक्सिन को कंट्रोल करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें ताकि शुगर जैसी क्रॉनिक बीमारी से बचाव किया जा सके। एक रिसर्च के मुताबिक जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है उनकी हड्डियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और टिशूज डैमेज होने का खतरा अधिक रहता है। यूरिक एसिड कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे किडनी डिजीज, हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और फैटी लीवर का खतरा भी बढ़ा सकता है। प्यूरीन डाइट से परहेज करें। आपका यूरिक एसिड हाई रहता है तो आप प्यूरीन डाइट से परहेज करें। प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों में मांस, समुद्री भोजन, सब्जियां, रेड मीट, जानवरों के मांस की किडनी, मछली, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, शराब, खासकर बियर और कस्तूरा का सेवन करने से परहेज करें। प्यूरीन डाइट पर कंट्रोल करके आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं।

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वजन को कम करें

जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो वजन को कम करें और बॉडी को एक्टिव रखें। वजन कम करने के लिए रोजाना वर्कआउट करें। वजन कम करके आप यूरिक एसिड के साथ ही डायबिटीज से भी बचाव कर सकते हैं।

डाइट में विटामिन सी को करें शामिल

विटामिन सी का सेवन इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो विटामिन सी वाली डाइट का सेवन करें। विटामिन सी से भरपूर चेरी,नींबू और खट्टे फल यूरिक एसिड को कंट्रोल करते हैं साथ ही ब्लड शुगर का जोखिम भी कम करते हैं। इस जरूरी विटामिन को खाने से बीमार होने का खतरा कम रहता है।

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डाइट में फाइबर का सेवन करें

फाइबर से भरपूर डाइट ना सिर्फ यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में असरदार है बल्कि ये ब्लड शुगर भी कंट्रोल करती है। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है और डायबिटीज के जोखिम से बचना है तो डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स जैसे संतरा, अमरुद, नाशपाती, आम और सेब का सेवन करें। ये सभी फूड्स तेजी से यूरिक एसिड को कंट्रोल करते हैं और डायबिटीज से भी बचाव करते हैं। इसके अलावा चेरी, ब्लूबेरी,खीरा, अजवाइन, गाजर का सेवन भी लाभप्रद है। खट्टे फल जैसे आंवला, नींबू, संतरा, पपीता और अनानास विटामिन सी से भरपूर होते हैं, इसलिए ये नैचुरली यूरिक एसिड लेवल को कम करने में मदद करते हैं। आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है। विटामिन सी किडनी के जरिए इसके उत्सर्जन को बढ़ाकर यूरिक एसिड लेवल को कम करने में मदद करता है।
-डॉ. ईश्वर चंद्र सरदाना

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