श्री बगलामुखी मंदिर कोटला का नहीं बना पक्का रास्ता, बीच में छोड़ दिया काम
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आज भी रास्ता कच्चा, लोगों से किए वादों को पूरा नहीं कर पाए नेता
जवाली (शिबू ठाकुर)- कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही दलों के बड़े नेता माता बगलामुखी की शरण में जीत के लिए सर झुकाते थकते नहीं यही नहीं माता के दरबार में श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए भेडखडड व देहरखडड के किनारे रास्ता निर्माण के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं सुर्खियां बटोरने के लिए करते हैं । लेकिन धरातल पर प्रोग्रेस जीरो हैं।
गौरतलब है कि स्कूल खेल मैदान के साथ भेडखडड व देहरखडड के किनारे कुछ वर्ष पहले रिटेनिंग बाल लगवाई गई थी लेकिन सब कार्य अधूरा हिचकोले खाता हर यात्री को चिढ़ा रहा है। प्राचीन ऐतिहासिक शक्तिपीठ माता श्री बगलामुखी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होने के बावजूद आज तक पक्के रास्ते से वंचित है। समाजसेवियों ने भेडखडड पर लोहे का पुल डलवाकर श्रद्धालुओं की राह को आसान बनाया है। लेकिन पक्के रास्ते के निर्माण का वादा करने वाले राजनेता उसे पूरा नहीं कर पाए हैं। आज भी रास्ता नहीं बना है। लोहे के पुल के आगे सीढ़ियां हैं।
खडड के साथ लगभग 50 – 60 मीटर डंगा लगाकर रास्ता बनाना था , लेकिन आज तक यह रास्ता नहीं बन पाया है। लगभग कुछ साल पहले एक ठेकेदार को रास्ते के निर्माण का कार्य सौपा गया था, लेकिन ठेकेदार ने अधूरा ही कार्य किया जो कि अब गिर चुका है। तथा रास्ता न होने से श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यात्रियों को मजबूरन राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटला के खेल मैदान से होकर माता बगलामुखी मंदिर जाना पड़ता है , लेकिन जब स्कूल में छुट्टी होती है तो स्कूल का गेट बंद होने से श्रद्धालु मंदिर तक जाने के लिए परेशान होते हैं। हालांकि रास्ते के निर्माण के लिए कई बार मुख्यमंत्री, प्रतिनिधि व प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है।
लोगों ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, भाजपा कार्यकाल में मुख्यमंत्री शांता कुमार, मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित व पूर्व विधायक अर्जुन ठाकुर को भी अवगत करवाया, लेकिन आज तक रास्ता नहीं बन पाया।
हैरानी की बात यह है कि विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता श्री बगलामुखी के लिए एक अदद रास्ता निर्माण न कर पाने वाले देवभूमि को धार्मिक कॉरिडोर में बदल पाएंगे या घोषणाएं ही बनकर रह जाएगी। माता के श्रद्धालु स्कूल मैदान ट्रैस पासिंग कर दर्शन करने मंदिर तक पहुंचाते हैं।
इस बारे में राजेश कुमार , सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग कोटला से बात की तो उन्होंने कहा कि इस रास्ते के निर्माण के लिए एस्टीमेट बनाकर भेजा गया है तथा बजट का प्रावधान होते ही रास्ते का निर्माण शुरू करवाया जाएगा।
1 – विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता श्री बगलामुखी के लिए एक अदद रास्ता निर्माण न कर पाने वाले देवभूमि को धार्मिक कॉरिडोर में बदल पाएंगे या घोषणाएं ही बनकर रह जाएगी।
2 – प्राचीन एतिहासिक शक्तिपीठ माता बगलामुखी मंदिर कोटला लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। लेकिन मंदिर जाने के लिए रास्ता न होने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
3 – सभी पार्टियों के नेताओं ने माता बगलामुखी की शरण में जीत के लिए सिर झुकाए हैं और बड़ी-बड़ी घोषणाएं की हैं। लेकिन धरातल पर प्रोग्रेस जीरो है।
4 – लगभग 50 से 60 मीटर डंगा लगाकर रास्ता बनाना था लेकिन कई सालों से यह रास्ता नहीं बन पाया है। इस रास्ते को जल्द से जल्द बनवाया जाए।