December 21, 2025

इन वजहों से बढ़ता है अपेंडिक्स में कैंसर का जोखिम, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

अक्सर हम लोग पेट में होने वाले दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर आपको लगातार कुछ दिनों से पेट दर्द की शिकायत हो रही है, तो यह अपेंडिक्स हो सकता है। अपेंडिसाइटिस एक तरह का रोग है, जिसको आम भाषा में अपेंडिक्स कहा जाता है। पेट के अंदर छोटी और बड़ी आंत के बीच अपेंडिक्स होता है। आमतौर पर पेट में तेज दर्द ही इस कैंसर का प्रमुख लक्षण माना जाता है। इस बीमारी में अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है, जिसकी वजह से असहनीय दर्द होता है।
अपेंडिक्स का दर्द लंबे समय तक रहने से कैंसर का कारक बन जाता है। लेकिन डॉक्टर इसको एक दुर्लभ कैंसर मानते हैं। फिर भी इसके होने की संभावनाएं काफी होती हैं। वहीं इसके प्रभाव भी खतरनाक हो सकते हैं। इस कैंसर के सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ कारक इसको बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। आज इस लेख के जरिए हम आपको अपेंडिक्स कैंसर के जोखिम कारक के बारे में बताने जा रहे हैं।

अपेंडिक्स कैंसर

कार्सिनोइड ट्यूमर: यह सबसे आम तरह का ट्यूमर है और लगभग 50 प्रतिशत मामलों में अपेंडिक्स कैंसर पाया जाता है।

म्यूसिनस एडेनोकार्सिनोमा: यह कैंसर म्यूसिन नामक पदार्थ का उत्पादन करता है।

गॉब्लेट सेल कार्सिनोमा: यह कैंसर कार्सिनोइड और एडेनोकार्सिनोमा दोनों का मिश्रण होता है।

कैंसर के जोखिम कारक

आयु: आमतौर पर 40-60 वर्ष की उम्र के बीच के लोगों में अपेंडिक्स कैंसर का खतरा अधिक देखा जाता है। वहीं उम्र बढ़ने के बाद इसका खतरा बढ़ जाता है। वहीं बच्चों और युवाओं में इस तरह के कैंसर के मामले कम देखने को मिलता है।

आनुवंशिकता: जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को कैंसर हुआ हो, उनमें अपेंडिक्स कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। खासकर अगर परिवार में कोलन कैंसर या फिर अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर हुआ हो।

कैंसर जोखिम: कुछ रिसर्च में पाया गया है कि महिलाओं में कार्सिनोइड ट्यूमर के विकसित होने की संभावना पुरुषों से अधिक होती है। जबकि म्यूसिनस एडेनोकार्सिनोमा पुरुषों में अधिक पाया जाता है।

कमजोर इम्यूनिटी पावर: जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनको संक्रमण और अन्य बीमारियों का खतरा अधिक होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इम्यूनिटी पावर कमजोर होने पर अपेंडिक्स कैंसर सहित अन्य कैंसर का भी जोखिम बढ़ जाता है।

पुराना रोग: बता दें कि कुछ बीमारियां लंबे समय तक बनी रहती है। इसमें अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग को भी शामिल किया जाता है। यह रोग अपेंडिक्स कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।

इसके अलावा नियमित रूप से धूम्रपान करना और मोटापा आदि भी शरीर के कार्यों पर दबाव डालता है। अन्य तरह के गंभीर रोग जैसे कैंसर आदि का कारण बन सकते हैं। इसलिए इन बीमारियों से बचने के लिए आप हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना चाहिए। वहीं अगर आपको पेट में दर्द होता है या मल में खून दिखाई देता है, तो इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बल्कि फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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