सोलन में मंत्री की चेतावनी के बाद भी पटवारी कानूनगो की हड़ताल जारी
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बोले, किसी कीमत पर मंजूर नही स्टेट कैडर, हड़ताल रहेगी जारी
सोलन, कमल जीत: हिमाचल प्रदेश सरकार ने तहसीलदारों, पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में लाने के बाद प्रदेश भर में सरकार के इस फैसले का विरोध हो रहा है। इस फैसले के खिलाफ पटवारी कानूनगो पेन डाउन स्ट्राइक पर चल रहे हैं। इस फैसले से जहां जनता को दिक्कतें पेश आ रही हैं वही कार्य भी प्रभावित हो रहा है। मास कैजुअल लीव के बाद पटवारी कानूनगो ने आंदोलन का आगाज किया था। वहीं अब अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक पर हैं।
वहीं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की सख्त कार्यवाही की चेतावनी के बाद भी पटवारियों का कहना है स्टेट कैडर उन्हें मंजूर नही है। उनकी हड़ताल उस समय तक जारी रहेगी जब तक यह फैसला वापिस नही लिया जाता। शिमला में भी पटवारियों की इस फैसले के विरोध में हड़ताल जारी है।
संयुक्त पटवारी कानूनगो महासंघ सोलन इकाई के प्रधान प्रतीक दत्त, इंजिनियर देवराज शर्मा ने कहा की उन्होंने कभी भी स्टेट कैडर के लिए हामी नही भरी है। उन्हें स्टेट कैडर मंजूर नही है। इस फैसले से उनकी पद्दोन्नति पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ कई मर्तबा वार्ता हो चुकी है और इस बात से सरकार को पहले ही अवगत करवा दिया गया था कि उन्हें स्टेट कैडर मंजूर नही। यहां तक कि बलवान चंद अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई थी जिसकी सिफारिश आज तक लागू नही की गई है, जबकि उसे लागू करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि 16 अगस्त 2024 को सरकार को पत्र के माध्यम से अवगत करवा दिया गया था कि अगर स्टेट कैडर किया जाता है तो वह हड़ताल पर चले जायेंगे। उन्होंने कहा सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें स्टेट कैडर में नहीं लाया जाएगा जबकि उनके लिए तबादला नीति बनाई जाएगी। लेकिन इसके विपरीत यह फैसला सरकार ने लिया जिसका पटवारी कानूनगो पुरजोर विरोध करता है। इस फैसले से उनकी पदोन्नति प्रभावित होती है। सरकार जब तक फैसला वापिस नही लेती हड़ताल जारी रहेगी।
वही पटवारियों का कहना है कि उनकी पद्दोन्नति तो प्रभावित होती ही है साथ में पटवारखाने में मूलभूत सुविधाएं नही है। अभी तक वाईफाई की सुविधा नही दी गयी है।लैपटॉप इतने पुराने है कि कार्य नही करते है। पटवारखाने रिहायश में चल रहे हैं। न बिजली की व्यवस्था ठीक ढंग से है न ही शौचालय तक है। केवल बोला ही गया है। अभी पटवारियों को कोई भी सुविधा नही दी गयी है। उनकी हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक यह फैसला वापस नही होता।
वहीं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पटवारी कानूनगो को स्टेट कैडर में लाने का फैसला जनहित में लिया गया है। इस फैसले से इनको कोई परेशानी नही होनी चाहिए। यह फैसला इनकी एसोसिएशन के साथ कई दौर की बैठकों के उपरांत ही लिया गया है। बहुत सारी समस्याएं थी जिसके लिए कमेटी का गठन भी किया। उनके बहुत मुद्दों को हल कर दिया गया है, जो अन्य है उन पर भी विचार किया जा रहा है। कानूनगो पटवारी को फील्ड में कार्य के लिए अब पटवारखानों में वाई-फाई की सुविधा दे दी है। यहां तक की खराब कंप्यूटर और लैपटॉप को भी दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए गए हैं और जिन स्थान पर कंप्यूटर लैपटॉप नहीं है वहां पर खरीदने की प्रक्रिया जारी हो गई है। जो इनकी मांगे हैं उनको मान रहें है बाकी पर भी विचार किया जा रहा है। बावजूद इसके इनका इस तरह का रवैया आंदोलन करना ठीक नही है।