February 5, 2025

कॉफी के नाम पर जहर तो नहीं पी रहे हैं आप?

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भारत जैसे देशों में खानेपीने चीजों में मिलावट करना और उन्हें नकली तरीके से बनाकर बेचना आम बात है। आटा-चावल से लेकर चीने, तेल, दूध, मसाले, फल-सब्जियों में लगभग सभी खाद्य पदार्थों में खतरनाक केमिकल्स, मिट्टी, चूना, पत्थर, ईंट का पाउडर और न जाने क्या-क्या गन्दी चीजों की मिलावट की जाती है। जाहिर है मिलावटी चीजों को खाने से छोटी बीमारियों से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा होता है।

भारत जैसे देशों में खानेपीने चीजों में मिलावट करना और उन्हें नकली तरीके से बनाकर बेचना आम बात है। आटा-चावल से लेकर चीने, तेल, दूध, मसाले, फल-सब्जियों में लगभग सभी खाद्य पदार्थों में खतरनाक केमिकल्स, मिट्टी, चूना, पत्थर, ईंट का पाउडर और न जाने क्या-क्या गन्दी चीजों की मिलावट की जाती है। जाहिर है मिलावटी चीजों को खाने से छोटी बीमारियों से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा होता है।

भारत जैसे देशों में खानेपीने चीजों में मिलावट करना और उन्हें नकली तरीके से बनाकर बेचना आम बात है। आटा-चावल से लेकर चीने, तेल, दूध, मसाले, फल-सब्जियों में लगभग सभी खाद्य पदार्थों में खतरनाक केमिकल्स, मिट्टी, चूना, पत्थर, ईंट का पाउडर और न जाने क्या-क्या गन्दी चीजों की मिलावट की जाती है। जाहिर है मिलावटी चीजों को खाने से छोटी बीमारियों से लेकर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा होता है।

क्या आप जानते हैं, सुबह उठकर आप जो कॉफी पीते हैं उसमें भी मिटटी मिलाई जाती है? कॉफी पाउडर में मिट्टी मिलाना एक धंधा है जिसमें मिट्टी, ईंट का चूरा या मिट्टी का बारीक पाउडर मिलाकर वजन और मात्रा बढ़ाई जाती है। इससे न केवल कॉफी की गुणवत्ता घटती है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है।

कॉफी दुनिया में सबसे ज्यादा पी जाने वाली पेय पदार्थों में से एक है, जिसे इसकी खुशबू और ऊर्जा देने वाले प्रभाव के लिए पसंद किया जाता है। लेकिन बढ़ती मांग और ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यापारी कॉफी पाउडर में जहरीली चीजें मिलाकर आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ करते हैं।मिट्टी कॉफी की तुलना में काफी सस्ती होती है, इसलिए मिलावट करने वाले इसे मिलाकर कॉफी की मात्रा बढ़ाते हैं और अधिक लाभ कमाते हैं। फसल खराब होने या आपूर्ति में बाधा आने पर कुछ व्यापारी इसकी भरपाई के लिए मिट्टी मिला सकते हैं। उपभोक्ताओं द्वारा कॉफी की शुद्धता की सही जांच न करने से मिलावट करने वालों को प्रोत्साहन मिलता है। कम कीमत में कॉफी खरीदने वाले ग्राहक अक्सर बिना जांचे-परखे सस्ते ब्रांड चुनते हैं, जिनमें मिलावट की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा, कुछ देशों में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता की निगरानी अपेक्षाकृत कमजोर होती है, जिससे ऐसे अनुचित कार्य आसानी से किए जा सकते हैं।

कॉफी पाउडर में बारीक मिट्टी या धूल मिलाकर उसका वजन बढ़ाया जाता है, जिससे उसकी बनावट में ज्यादा बदलाव नज़र नहीं आता। लाल मिट्टी या ईंट का बारीक चूरा मिलाने से कॉफी का रंग गहरा दिखाई देता है। कुछ मिलावट करने वाले स्टार्च या डेक्सट्रिन का उपयोग करके मिट्टी के कणों को कॉफी पाउडर से जोड़ देते हैं, जिससे मिलावट का पता लगाना कठिन हो जाता है। वहीं, कुछ व्यापारी कॉफी पाउडर पर पानी और मिट्टी का घोल छिड़ककर उसे सुखा देते हैं, ताकि मिलावट स्वाभाविक लगे और आसानी से पकड़ में न आए।मिट्टी के कण पचने में मुश्किल होते हैं, जिससे कब्ज, गैस और अपच हो सकती है। मिट्टी और धूल में मौजूद बैक्टीरिया, फंगस और परजीवी शरीर में जाने से डायरिया और पेट के संक्रमण हो सकते हैं। मिट्टी में सीसा, आर्सेनिक और कैडमियम जैसी जहरीली धातुएं हो सकती हैं, जो शरीर में जमा होकर किडनी और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती हैं।लंबे समय तक मिलावटी कॉफी पीने से लिवर, किडनी और आंतों को नुकसान हो सकता है। कुछ प्रकार की मिट्टी में अत्यधिक फ्लोराइड होता है, जो हड्डियों को कमजोर कर सकता है और जोड़ो में दर्द पैदा कर सकता है।मिट्टी के बारीक कणों को सूंघने से फेफड़ों में जलन और सांस की तकलीफ हो सकती है, खासकर अस्थमा के मरीजों के लिए। मिट्टी शरीर में आयरन, कैल्शियम और जिंक के अवशोषण को रोक सकती है, जिससे खून की कमी (एनीमिया) और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता हो सकती है। एक गिलास में पानी लें
पानी के गिलास में आधा चम्मच कॉफी पाउडर डालें
पांच मिनट इंतजार करें
शुद्ध कॉफी पानी की सतह पर तैरती है
मिलावटी कॉफी में मौजूद मिट्टी नीचे बैठ जाएगी