December 22, 2025

जब कांग्रेस सत्ता में थी, तो उसे चुनाव आयोग से कोई आपत्ति नहीं रही : चिराग पासवान

नई दिल्ली, लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए जाने को लेकर सोमवार को कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस जब इतने सालों तक सत्ता से बाहर रही, तो इन्हें चुनाव आयोग से कोई आपत्ति नहीं रही। लेकिन, आज जब यह विपक्ष में है, इन्हें कोई पूछ नहीं रहा है, तो इन लोगों को चुनाव आयोग की कार्यशैली पर शक हो रहा है। ये लोग चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र एजेंसी है, जिसका कार्य मूल रूप से निष्पक्ष चुनाव कराना है। लेकिन, ये लोग बार-बार चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। ये सभी सवाल बेबुनियाद हैं। ये लोग कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में वोटों की चोरी हुई है, जबकि इन लोगों को जब झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी, तो इन्होंने चुनाव आयोग पर कोई सवाल खड़े नहीं किए थे। तब इनके लिए चुनाव आयोग बिल्कुल ठीक था। लेकिन, आज इन लोगों को इलेक्शन कमीशन से दिक्कत हो रही है। मैं समझता हूं कि यह स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं है। जब राजनीतिक परिणाम इनके पक्ष में आए, तो इन लोगों को चुनाव आयोग से कोई दिक्कत नहीं रहती। लेकिन, जब परिणाम विपरीत रहे, तो इन्हें दिक्कत हो जाती है। यह दोहरा पैमाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है।

चिराग पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर संकेत करते हुए कहा कि ये लोग बार-बार चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि चुनाव प्रक्रिया में धांधली हुई है और वोटों की चोरी हुई है। आप लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं, लेकिन इसकी पुष्टि करने से बच रहे हैं। जब आयोग आपसे आपके आरोपों के संबंध में प्रमाणों की मांग करता है, तो आप चुप्पी साध लेते हैं। फिर, आप चुनाव आयोग से बचने की कोशिश करते हैं।

उन्होंने विपक्ष की कार्यशैली को निंदनीय बताया और कहा कि यह एक गलत परंपरा की शुरुआत हो रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अगर आपको ऐसा लगता है कि वोटों की चोरी हुई है, तो एक संवैधानिक संस्था के पास जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी विपक्ष की ओर से इस तरह के झूठे आरोप लगाए जा चुके हैं। सीएए को लेकर भी इसी तरह के आरोप लगाए गए थे कि लोगों की नागरिकता खतरे में है, लेकिन किसी की भी नागरिकता नहीं गई।

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