बेमौसम बरसात से करनाल बंट बीमारी की चपेट में गेहूं की फसल
बारिश से अन्नदाताओं चेहरों की रौनक गायब
20 से 25% गेहूं की फसल बर्बाद
नकदी फसलों के लिए भी नागवार है यह बारिश
अजय कुमार,बंगाणा, जिले में 2 दिन से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की गेहूं की फसल सहित सभी नकदी फसलों को बर्बाद कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक अभी 2 दिन और बारिश होना बताई जा रही है। अनावश्यक हो रही बारिश ने अन्नदाताओं के चेहरों की रौनक गायब कर दी है। इस बारिश से जिले के अन्नदाता गहरी चिंता में डूब गए हैं।
मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस बारिश से किसानों की 20 से 25% गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है जबकि 20 से 25% फसल पूर्व में बारिश न होने व पीला रतुआ बीमारी की वजह से चौपट हो गई थी। कुल मिलाकर किसानों की 50 फ़ीसदी गेहूं की फसल इस वर्ष मौसम की बेरुखी की भेंट चढ़ गई है।
गौरतलब है कि जिले में 30000 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल किसानों द्वारा की जाती है व जिले के अधिकतर किसान गेहूं की फसल को बेचकर होने वाली आमदनी पर निर्भर करते हैं लेकिन इस वर्ष किसानों की आधे से ज्यादा गेहूं की फसल बीमारी व मौसम की बेरुखी की वजह से बर्बाद हो गई है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फसल के पकने के वक्त हो रही बारिश से गेहूं के दानों में करनाल वंट नामक बीमारी लग जाती है जिससे गेहूं के दाने एक तरफ से काले हो जाते हैं।
इस बीमारी के लगने से गेहूं की फसल के दाम गिर जाते हैं व किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इस समय हो रही अनावश्यक बारिश से गेहूं की फसल सहित सभी प्रकार की नगदी फसलों के लिए यह वारिश नुकसानदायक है। नकदी फसलों के रूप में इस वक्त किसान भिंडी, बैंगन, टमाटर आदि की पौध लगाते हैं लेकिन इन नकदी फसलों के लिए भी यह बारिश नुकसानदायक है।
इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारी सतपाल धीमान ने बताया कि अनावश्यक बारिश की वजह से करनाल बंट बीमारी से गेहूं के दाने ग्रसित हो जाते हैं। इस बारिश से गेहूं की फसल को 20 से 25 फ़ीसदी नुकसान हुआ है।