December 22, 2025

बढ़ती हिंसा से युद्धविराम और शान्ति की उम्मीदों पर फिरा पानी

ब्राजाविले, काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में शान्ति की उम्मीदें उस समय टूट गईं, जब रवांडा समर्थित एम23 विद्रोही समूह और अन्य हथियारबन्द समूहों ने, पूर्वी क्षेत्र में, एक बार फिर आम नागरिकों पर क्रूर हमलें तेज़ कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, रवांडा समर्थित एम23 विद्रोही समूह ने, 9 से 21 जुलाई के बीच उत्तरी कीवू प्रान्त में लगभग 319 लोगों की हत्या कर दी.इनमें 48 महिलाएँ और 19 बच्चे शामिल हैं, जो खेतों में डेरा डालकर बीज बोने का काम कर रहे थे। यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने इन हत्याओं की निन्दा की है। उन्होंने कहा, हाल ही में दोहा में हुए युद्धविराम समझौते के बावजूद हिंसा लगातार जारी है, जो बेहद चिन्ता का विषय है। उन्होंने सभी पक्षों से आम लोगों पर तुरन्त हमले रोकने और ज़िम्मेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की। सबसे बड़े हत्याकांडों में से एकयह जनसंहार, वर्ष 2022 में एम23 विद्रोहियों के फिर से उभरने के बाद दर्ज किए गए सबसे बड़े हत्याकांडों में से एक है जिसमें आम लोगों को निशाना बनाया गया। एम23 समूह, काँगोली तुत्सी लड़ाकों से मिलकर बना है, जो 15 साल पहले अस्तित्व में आया था, और अब एक बार फिर गम्भीर सैन्य ख़तरे के रूप में उभरा है। यह जनसंहार उस समय हुआ, जब कुछ ही सप्ताह पहले अमेरिका और क़तर में शान्ति वार्ताएँ हुई थीं। इस दौरान, एम23 और काँगो सरकार ने युद्धविराम और आगे की बातचीत का वादा किया था। लेकिन ज़मीनी हालात में कोई ख़ास बदलाव नहीं आया है। 27 जुलाई को, एडीएफ ने इतुरी प्रान्त के एक चर्च पर हमला किया, जिसमें 40 से अधिक लोगों को की मौत हुई, जिनमें 13 बच्चे थे. वहीं दक्षिण कीवू के एक गाँव में 8 महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। इसके अलावा, एक अन्य हमले में 70 आम लोगों को मार दिया गया। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, देश में 78 लाख से अधिक लोग आन्तरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं। साथ ही, 2 करोड़ 80 लाख लोग खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएँ भी चरमराने लगी हैं, और साल के पहले छह महीनों में स्वास्थ्यकर्मियों व सुविधाओं पर 33 हमले दर्ज किए गए, जो पिछले आँकड़ों की तुलना में 276 प्रतिशत अधिक हैं। संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात पर तुरन्त नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह संकट और भी भयावह रूप ले सकता है।

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