लोकतान्त्रिक व्यवस्था से अच्छी कोई दूसरी व्यवस्था नहींः नरेन्द्र सिंह
1 min readकरसोग, करसोग में 14 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम का आयोजन उपमंडलाधिकारी नागरिक करसोग नरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश व करसोग वासियों को पूर्ण राज्यत्व दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 25 जनवरी का यह दिन प्रदेश के लिए बेहद गौरवमयी दिन है। एक ओर जहां 25 जनवरी, 1971 के दिन प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा हासिल हुआ है वहीं दूसरी ओर मजबूत लोकतंत्र की पहचान राष्ट्रीय मतदाता दिवस भी मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतन्त्र में इस दिवस को मतदाता दिवस के रूप में मनाने का उदे्दश्य युवा मतदाताओं को लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है व शत-प्रतिशत मतदाताओं की भागीदारी मजबूत लोकतन्त्र के लिए सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के लिए लोकतान्त्रिक व्यवस्था से अच्छी कोई दूसरी व्यवस्था नहीं है, इसलिए हमें इसे मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि यह दिवस भारतीय निर्वाचन आयोग का स्थापना दिवस भी है। भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को गणतन्त्र दिवस से ठीक एक दिन पहले हुई थी। आयोग द्धारा 25 जनवरी, 2011 में पहली बार मतदाता दिवस मनाया गया था। लोकतान्त्रिक परम्पराओं एवं व्यवस्थाओं को बनाएं रखने तथा उन्हें सुदृढ़ आधार प्रदान करने के दृष्टिगत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 में स्वतंत्र निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है। निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्य सभा के अतिरिक्त लोकसभा व विधानसभा के चुनाव, मतदाता सूची की तैयार करना, फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र जारी करना जैसे कार्य किए जाते हें। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवा वर्ग का योगदान भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की युवा पीढ़ी देश का भविष्य होती है। युवा मतदाताओं को अपने मताधिकार को प्रयोग पूरी सुख बुझ के साथ करना चाहिए। मतदाता दिवस के अवसर पर एसडीएम ने नए युवा मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र प्रदान किए । उन्होंनेे कहा कि जो युवा 18 वर्ष के हो चुके है, उन्हें आगे आकर सबसे पहले अपना मतदाता पहचान पत्र बनाना चाहिए। इस अवसर पर एसडीएम ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी मतदाताओं/लोगों को सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने की शपथ भी दिलाई। हम, भारत के नागरिक, लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश की लोकतान्त्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाए रखेंगे तथा स्वतन्त्र, निष्पक्ष एवं शान्तिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस अवसर पर तहसीलादार कैलाश कौंडल सहित अन्य विभिन्न गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।