प्राकृतिक आपदा में बेसहारा हुई नन्हीं बच्ची को सरकार ने स्टेट चाइल्ड घोषित किया
देस राज शर्मा, शिमला, जिला मंडी में 30 जून की रात को बादल फटने से आई बाढ़ में अपने माता-पिता को खोने वाली 10 महीने की बच्ची को हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत स्टेट चाइल्ड के रूप में नामांकित किया गया है। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी की है। मंडी जिला की चच्योट तहसील के तलवाड़ा पंचायत में बादल फटने के कारण बेसहारा हुई दस माह की मासूम नीतिका को सरकार ने राज्य की बच्ची घोषित किया है।
नीतिका के पिता रमेश कुमार (31) की मृत्यु हो गई, जबकि उसकी मां राधा देवी (24) और दादी पूर्णु देवी (59) अभी भी लापता हैं। रमेश घर में घुस रहे पानी का बहाव मोड़ने के लिए बाहर गया था, जबकि उसकी पत्नी और मां मदद के लिए उसके पीछे-पीछे गईं और पानी के तेज बहाव में बह गई और नन्ही नीतिका रोती रही। जिसे साथ लगते घर के व्यक्ति ने रोते हुए पाया था।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों का पालन करते हुए, आपदा के दौरान बेसहारा हुए बच्चों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। सुख-आश्रय योजना के तहत, नीतिका को सरकार की ओर से हर महीने 4 हजार रुपये मिलेंगे। जुलाई और अगस्त के महीनों के लिए 8 हजार रुपये पहले ही स्वीकृत होकर उसके बचत बैंक खाते में जमा कर दिए गए हैं। यह सहायता उसके 27 वर्ष की आयु तक जारी रहेगी।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्राकृतिक आपदा में बेसहारा हुई नन्ही नीतिका को राज्य की संतान घोषित करने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से पहले ही काननू लागू किया गया है कि आपदा में बेसहारा होने वाले बच्चों को राज्य की संतान का दर्जा दिया जाएगा। इसी के तहत मंडी जिला में आपदा में माता-पिता को खो चुकी इस 10 माह की बच्ची को भी इसी कानून के तहत संरक्षण में लिया गया है। राजस्व मंत्री ने कहा कि नीतिका की पढ़ाई लिखाई का तमाम खर्च राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
