December 26, 2025

जिला परिषद फतेहाबाद द्वारा प्रदेश की पहली बालिका पंचायत का गठन किया गया

जिला परिषद फतेहाबाद द्वारा गांव बरसीन में मंगलवार को प्रदेश की पहली बालिका पंचायत का गठन किया गया। बालिका पंचायत का गठन बाकायदा वोटिंग के माध्यम से किया गया जिसमें 11 से 21 साल तक की बेटियों ने चुनाव प्रक्रिया में भाग लेकर अपनी जीत दर्ज की। गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त मनदीप कौर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए बालिका पंचायत के नवनिर्वाचित सरपंच व पंच सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान उपायुक्त ने पृथ्वी दिवस के मौके पर विद्यालय प्रांगण में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधारोपण भी किया।
उपायुक्त मनदीप कौर ने बताया कि गांव बरसीन में बालिका पंचायत का गठन पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया है। इसके बाद जिले के प्रत्येक गांव में बालिका पंचायत का गठन किया जाएगा जो बेटियों के हित में काम करेंगी। बालिका पंचायतों का गठन करने का जिला परिषद का मुख्य उद्देश्य बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान और लिंग समानता है। उपायुक्त ने बताया कि बालिका पंचायत में कई पंच निर्विरोध भी चुनी है जिसमें वार्ड नंबर 1 से मनप्रीत, वार्ड नंबर 4 से जेसिका, वार्ड नंबर 7 से मनीषा, वार्ड नंबर 8 से प्रतिज्ञा, वार्ड नंबर 9 से सृष्टि शामिल है। बालिका पंचायत में अस्तुति कंबोज को सरपंच पद के लिए चुना गया गया। छात्रा अस्तुति कंबोज को 22 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रही साक्षी व अनुशिखा को 19-19 वोट मिले। इसके अलावा वार्ड नंबर 1 से मनप्रीत, वार्ड नंबर 2 से सिमरन, वार्ड नंबर 3 से रंजना, वार्ड नंबर 4 से जेसिका, वार्ड नंबर 5 से कोमल, वार्ड नंबर 6 से मिस्टी, वार्ड नंबर 7 से मनीषा, वार्ड नंबर 8 से प्रतिज्ञा तथा वार्ड नंबर 9 से सृष्टि को पंच चुना गया।
उन्होंने बताया कि बालिका पंचायत बेटियों व महिलाओं को उनके अधिकारों बारे जागरूक करेगी, महिला विरूद्ध अपराधों बारे जागरूक करना, पोषण, सेनिटेशन बारे जागरूक करना होगा, बालिका पंचायत के पास संवैधानिक व वित्तीय शक्तियां नहीं होंगी लेकिन ये ग्राम सभा में भाग ले सकेंगी और अपने सुझाव देंगी। उन्होंने बताया कि बालिका पंचायत का उद्देश्य लड़कियों को समुदायिक शासन में भागीदारी का अवसर देना है ताकि उनमें नेतृत्व, जागरूकता और नागरिक जिम्मेदारी का विकास हो। पंचायत शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वच्छता और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर काम करेगी। पंचायत ग्राम पंचायत के साथ समन्वय में कार्य करेगी और उसकी बैठकों में भाग लेगी। बालिका पंचायत के सदस्यों को शासन, नेतृत्व और सामाजिक मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिला परिषद के चेयरपर्सन एडवोकेट सुमन खिचड़ ने कहा कि बालिका पंचायत की पहल न सिर्फ बेटियों को सशक्त बनाएगी, बल्कि पंचायती राज व्यवस्था में एक मौलिक परिवर्तन लाएगी। बालिका पंचायत से समाज में बेटियों को प्रभावी नेतृत्व मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब 11 से 21 साल की उम्र से ही लड़कियां पंचायत व्यवस्था में सक्रिय होंगी तो उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित होगी। वे पंचायती राज को गहराई से समझेंगी। भविष्य में जब यहीं लड़कियां पंचायत सदस्य बनेंगी, तो वास्तव में स्वतंत्र रूप से काम कर पाएंगी।

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