मनरेगा में कच्चे-पक्के विकास कार्यों का अनुपात बिगड़ने से लटक गए गांवों के विकास कार्य
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विकास खंड बंगाणा के 31 मार्च को लैप्स हो गए सैकड़ों कार्य
विकास कार्यों के लैप्स होने से परेशान हो गए सैकड़ों ग्रामीण
अजय शर्मा ,बंगाणा
मनरेगा में कच्चे-पक्के विकास कार्यों का अनुपात बिगड़ने से उपमंडल बंगाणा के सैकड़ों गांवों के विकास कार्य अधर में लटक गए हैं। ग्रामीणों द्वारा पंचायत स्तर पर सेल्फ में डलवाए गए सैकड़ों विकास कार्य अनुपात बिगड़ने के कारण 31 मार्च को लैप्स भी हो गए हैं। विकास कार्यों के लैप्स होने से परेशान ग्रामीण पंचायतों व विकास खंड के चक्कर लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि विकास खंड में पूर्व पंचायती राज मंत्री की कई चहेती पंचायतों में मनरेगा के मानकों को दरकिनार करके पक्के कामों को अधिक तरजीह दी गई जिसके कारण विकास खंड में मनरेगा का संपूर्ण बजट ही बिगड़ गया।
वर्तमान समय विकास खंड में मनरेगा के विकास कार्यों के तहत करीब 12 सौ करोड रुपए का मटेरियल खरीदा गया जबकि 668 करोड़ रुपए लेबर के कार्यों पर खर्च किए गए। मनरेगा के नियमों के मुताबिक 668 करोड रुपए के कार्यों के लिए मात्र 267 करोड रुपए का मटेरियल ही खरीदा जाना था। लेकिन विकास खंड में मनरेगा के केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों को पूर्णतया दरकिनार करके कई पंचायतों में पक्के काम ही करवा गए।
अब मनरेगा में कच्चे-पक्के कार्य में अनुपात का संतुलन बिगड़ने से विकास खंड के लिए बजट भी जारी नहीं हो पा रहा है। इस समय विकास खंड बंगाणा को 313 करोड रुपए की देनदारी पिछले 5 माह से खड़ी हो गई है। विकास खंड में मनरेगा के अधीन होने वाले कच्चे-पक्के विकास कार्यों के अनुपात में संपूर्ण विकास खंड का बजट ही बिगाड़ कर रख दिया है। मनरेगा में किए जाने वाले विकास कार्यों के लिए केंद्र सरकार ने 40 फ़ीसदी मटेरियल के लिए व 60 फ़ीसदी लेबर को दिए जाने का प्रावधान किया गया है जबकि विकास खंड में इसके उलट नियमों को दरकिनार करके करीब 70% कार्य पक्के ही कर दिए गए हैं।
कई पंचायत प्रतिनिधियों व सचिवों का कहना है कि विकास खंड के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पंचायतों द्वारा जारी किए गए विकास कार्य उनकी आईडी तक ही सीमित रह गए। यह अधिकारी व कर्मचारी पंचायतों के विकास कार्यों को 31 मार्च तक अपनी आईडी से आगे फॉरवर्ड ही नहीं कर पाए। जिन ग्रामीणों ने अपने विकास कार्य के लिए पर्चा, एक्स व दस्तावेजों को पूरा करके पंचायतों के पास जमा करवाया था वह विकास कार्य वर्ष 23- 24 के सेल्फ में भी नहीं हो सकते हैं। विकास कार्यों के लैप्स होने से सैकड़ों ग्रामीण परेशान हो गए हैं। ग्रामीण अपने कामों को करवाने के लिए इधर उधर भटक रहे हैं।
कुछ पंचायतों में मटेरियल व लेबर का विवरण इस प्रकार है।
मटेरियल लेबर
अंबेहड़ा धीरज 49 लाख 13 लाख
वल्ह खालसा 33 लाख 12 लाख
बुढवार 24 लाख 12 लाख
धनेत 22 लाख 11 लाख
धुंधला 25 लाख 15 लाख
ढयूंगली 79 लाख 41 लाख
डोहगी 21 लाख 8 लाख
हटली केसरु 42 लाख 13 लाख
कठोह 42 लाख 22 लाख
खरियालता 36 लाख 16 लाख
पलाहटा 32 लाख 9 लाख
इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सुरेंद्र जेटली ने कहा कि विकास खंड में मनरेगा के अधीन किए गए कच्चे-पक्के विकास कार्यों का अनुपात बिगड़ गया है जिसके कारण पंचायतों द्वारा पूर्व के सेल्फ में डाले गए विकास कार्य लेप्स हुए हैं। पूर्व में किए गए विकास कार्य में कई पंचायतों में बहुत अधिक मात्रा में पक्के कार्य कर दिए गए हैं जबकि पक्के व कच्चे कार्यों का अनुपात समान रखना होता है फिर भी विभाग संतुलन बनाने का हर संभव प्रयास करेगा।