March 13, 2025

भारत- कनाडा के बिगड़ते संबंधों में फिर पड़ी खटास

भले ही अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, राजनीतिक स्थिरता व वैश्विक नेतृत्व की तरफ बढ़ते कदमों की सराहना करते हों लेकिन वास्तविकता यह है कि ये देश भारत को अस्थिर करने में लगी हर प्रकार की ताकतों का सहयोग ही नहीं करते बल्कि ऐसी ताकतों के शरण स्थली भी बने हुए हैं। इसका मतलब यह है कि ये देश विश्व में भारत के बढ़ते प्रभाव को मजबूरी में स्वीकार तो कर रहे हैं लेकिन हर हाल में चाहते हैं कि भारत एक बड़ी शक्ति बनकर भविष्य में उनके लिए चुनौती न बन सके।

अपनी इसी मानसिकता को दर्शाने के लिए ये देश भारत सरकार, यहां की कानून व्यवस्था, लोकतांत्रिक मूल्यों आदि के प्रति अनुचित टिप्पणी कर स्वयं को श्रेष्ठ साबित करने का प्रयास करते रहते हैं। पिछले दिनों कनाडा की संसद ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत की बरसी पर उसे श्रद्धांजलि दी व उसका महिमामंडन किया। आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को श्रद्धांजलि बेशर्मी की पराकाष्ठा थी क्योंकि एक समय खुद कनाडा सरकार ने उसे अपने लिए खतरा माना था और उसके बैंक खातों पर पाबंदी लगाने के साथ उसे हवाई यात्रा के लिए भी प्रतिबंधित कर दिया था।

इसमें संदेह नहीं की कनाडा सरकार वर्षों से खालिस्तानी आतंकियों के पक्ष में खुलकर खड़ी है और भारतीय हितों के खिलाफ काम कर रही है। कनाडा में सक्रिय खालिस्तान चरमपंथी सरकारी संरक्षण के चलते बेलगाम हो चुके हैं। भारत को कनाडा में खालिस्तानी आतंकियों और अलगाववादियों की सक्रियता को लेकर ही सतर्क नहीं रहना है उसे ऐसी ही सतर्कता ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका को लेकर भी दिखानी है। इन देशों में खालिस्तान चरमपंथी जिस तरह सक्रिय है और खुलेआम भारत को धमकी देते रहते हैं उससे यही पता चलता है कि यह देश भारतीय हितों के खिलाफ काम करने वाले तत्वों की जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिका खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को संरक्षण देने में वैसी ही ढिलाई का परिचय दे रहा है जैसी की उसका पड़ोसी देश कनाडा।

स्पष्ट है कि ये देश अपने हितों की खातिर भारत के प्रति सहयोगपूर्ण रुख अपनाने का दिखावा करते हैं लेकिन दूसरी तरफ उनके कृत्यों से उनकी मंशा सामने आ जाती है। हालांकि भारत सरकार उनके इरादों को समझती है व राजनीतिक सूझबूझ के साथ इन देशों से उचित संबंध बनाए हुए हैं। आतंकी निज्जर को श्रद्धांजलि देने के मुद्दे पर भारत ने कनाडा के सामने अपना सख्त विरोध दर्ज किया है लेकिन कनाडा पर इसका असर होता नहीं दिख रहा है। कनाडा के साथ भारत के संबंधों में दशकों से खटास जारी है व कनाडा सरकार की नई भारत विरोधी गतिविधियों के कारण उससे संबंधों में भविष्य में भी सुधार होने की संभावना नहीं है।