थैलेसीमिया से शारीरिक विकास में आती है परेशानी : डॉ. दलजीत कौर
राज घई, कीरतपुर साहिब 08 मई , डॉ. परमिंदर कुमार सिविल सर्जन के निर्देशन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कीरतपुर साहिब में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. दलजीत कौर के नेतृत्व में विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया गया। रूपनगर गया इस अवसर पर डॉ. दलजीत कौर ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि थैलेसीमिया एक यौन रोग है। इस बीमारी के कारण शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन की क्षमता कम हो जाती है और गंभीर मामलों में यह क्षमता लगभग खत्म हो जाती है। उन्होंने इस रोग के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि इस रोग के कारण शारीरिक वृद्धि व विकास में देरी होती है, पेशाब का रंग गाढ़ा होता है। व्यक्ति शरीर में कमजोरी व थकान महसूस करता है। त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है। चेहरे की संरचना में बदलाव आने लगते हैं और लीवर और प्लीहा का आकार बढ़ जाता है। थैलेसीमिया के इलाज में मरीज को जीवन भर हर 15 से 20 दिन में खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। इसकी जांच के लिए एचपीएल। सी। मशीन के माध्यम से रक्त परीक्षण राज्य के 3 सरकारी मेडिकल कॉलेजों, अमृतसर, पटियाला और फरीदकोट के साथ-साथ एम्स बठिंडा और सरकारी अस्पतालों लुधियाना, जालंधर, होशियारपुर और गुरदासपुर में किया जाता है। इस अवसर पर चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनु शर्मा ने थैलेसीमिया से बचाव की जानकारी देते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए गर्भवती महिलाओं विशेषकर प्रथम तिमाही में विवाह योग्य एवं विवाहित जोड़ों तथा इलाज के बावजूद थैलेसीमिया की जांच करायी जाये। रक्ताल्पता, रक्त की मात्रा न बढ़े तो करना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकारी रक्त केंद्रों द्वारा प्रत्येक थैलेसीमिया रोगी को नि:शुल्क रक्त उपलब्ध कराया जाता है। स्वास्थ्य निरीक्षक बलवंत राय ने बताया कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण कार्यक्रम के तहत आंगनबाडी केन्द्रों, सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले 18 वर्ष तक के बच्चों को वार्षिक रक्त जांच एवं एनीमिया का इलाज निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। इस मौके पर डॉ. अनु शर्मा, दलबीर कौर, हरजीत कौर व रमनदीप कौर, स्टाफ नर्स, एसएमआई सिकंदर सिंह, बलवंत राय हेल्थ एसआई, पूनम रानी सीएचओ, भरत कपूर सीए, बलजीत सिंह आई. ए., कुलविंदर सिंह, ज्योति कुमारी ए. एन। एम एवं आशा वर्कर व फैसिलिटेटर आदि मौजूद रहे।
