भाजपा विधायकों को सबसे ज्यादा फंड, फिर भी कर रहे बहिष्कार: सुखविंदर सुक्खू
1 min readकमल जीत, शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सचिवालय में विधायकों की प्राथमिकता बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें वित्त वर्ष 2025-26 के बजट को लेकर विधायकों की प्राथमिकताएं पूछी गईं इस बैठक का भाजपा विधायक दल ने बहिष्कार किया। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा विधायक इस बैठक में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि सरकार उनकी प्राथमिकताओं को दरकिनार कर रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में नाबार्ड से सबसे अधिक धन भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में दिया गया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि नयना देवी को 124 करोड़, करसोग को 127 करोड़, सुंदरनगर को 82 करोड़, नाचन को 50 करोड़, द्रंग को 50 करोड़, जोगिंदरनगर को 50 करोड़ और मंडी को 75 करोड़ रुपये सड़कों के लिए आवंटित किए गए हैं।
इसके बावजूद भाजपा विधायकों ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार भाजपा विधायकों को प्रताड़ित कर रही है और उनके प्रस्तावों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही। उनका आरोप था कि कांग्रेस के हारे हुए उम्मीदवारों को तवज्जो दी जा रही है, जबकि भाजपा विधायकों के प्रस्तावों को अनदेखा किया जा रहा है।
आज की बैठक में कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, सोलन, चंबा, बिलासपुर और लाहौल-स्पीति जिलों के विधायक शामिल हुए। कल मुख्यमंत्री शिमला, मंडी, ऊना, हमीरपुर और सिरमौर के विधायकों की प्राथमिकताएं जानेंगे। इन बैठकों के आधार पर बजट 2025-26 की रूपरेखा तय की जाएगी।
बता दें कि बैठक का वहिष्कार करते हुए नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में कहा था कि कि सरकार विपक्षी विधायकों की प्राथमिकताओं को अनदेखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में विपक्षी विधायकों द्वारा सुझाई गई प्राथमिकताओं की डीपीआर तक नहीं बनाई गई, जबकि कांग्रेस के उन विधायकों की योजनाओं को मंजूरी दी जा रही है जो मुख्यमंत्री के करीबी हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के विधायकों को न केवल विकास योजनाओं में दरकिनार किया जा रहा है, बल्कि उन्हें सरकारी कार्यक्रमों में भी आमंत्रित नहीं किया जा रहा।