सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी प्रधान पद से दिया इस्तीफा
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के उप प्रधान डॉक्टर दलजीत सिंह चीमा ने अपने एक्स अकाउंट पर यह जानकारी देते हुए कहा है कि उन्होंने यह इस्तीफा वर्किंग कमेटी को सौंप दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया है, जिन्होंने उनकी लीडरशिप में भरोसा किया और अपने कार्यकाल के दौरान पूरा समर्थन दिया।
माना जा रहा है कि सुखबीर बादल के इस्तीफे के बाद उपप्रधान डॉ दलजीत सिंह चीमा को कमान सौंपी जा सकती है। काबिले गौर है कि 2007 से लेकर 2017 तक अकाली दल और भाजपा की गठबंधन सरकार के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब के हुए अपमान, डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी देने संबंधी उनकी भूमिका और सुमेध सैणी को डीजीपी लगाने को लेकर पंथक वोट बैंक में काफी रोष पाया जा रहा था।
गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं ने इस नाराजगी को शीर्ष पर पहुंचा दिया और 2017 के विधानसभा चुनाव में हालत यह हो गई कि पार्टी 59 सीटों से कम होकर मात्र 15 सीटों पर सिमट गई थी। 2022 में तो स्थिति इससे भी पतली हो गई थी।
इस दौरान सुखदेव सिंह ढींडसा जैसे नेता, जो अकाली दल में फिर से शामिल हो गए थे, लेकिन संसदीय चुनाव के बाद उनके सहित कई वरिष्ठ नेताओं जिनमें परमिंदर सिंह ढींडसा, प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बीबी जगीर कौर, गुरप्रताप सिंह वडाला जैसे नेता अलग हो गए।
इस दौरान सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर अपनी सरकार के दौरान हुई गलतियों को स्वीकार लिया और इसकी जिम्मेवारी ले ली। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने सुखबीर बादल को तनखाइयां घोषित कर दिया लेकिन धार्मिक सजा सुनाई जानी अभी बाकी है।
सुखबीर बादल दो दिन पहले अपनी धार्मिक सजा सुनने की बात को लेकर श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार से मिलने भी गए थे लेकिन वहां उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। इस दौरान कुर्सी से गिरने के चलते उनकी टांग में फ्रैक्चर हो गया जिसका ऑप्रेशन हुआ है। इसी दौरान आज उन्होंने अपने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया है।
