December 24, 2025

अचानक चीन ने किया भारत से जिगरी दोस्ती का ऐलान

उधर पाकिस्तान पर हो गया तगड़ा एक्शन

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच रिश्तों में एक बार फिर से गर्मजोशी देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी की बीजिंग में मुलाकात हो रही है वहीं दूसरी तरफ भारत में मौजूद चीनी राजदूत ने बड़ा बयान दिया है। ये बयान उनका भारत चीन के रिश्ते को लेकर है। चीनी राजदूत ने कहा है कि चीन भारत के साथ काम करने को तैयार है। उन मुद्दों को पूरी तरह से लागू करने के लिए रजामंद है, जो भारत और चीन के शीर्ष नेतृत्व ने आपस में मिलकर तय किए हैं। उनका कहना है कि हम दोनों देश एक दूसरे के बड़े मुद्दे और जो मुद्दे उनके लिए काफी अहम हैं उसको पूरी तरह से सम्मान के साथ एक दूसरे के हित को देखते हुए आपसी संवाद को बढ़ाएंगे। आगे चलकर जो तमाम आपस में मतभेद हैं। उसको ठीक करेंगे। उनका कहना है कि हम इन सब मुद्दों पर काम करके दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत का जो रास्ता है उसे पूरी तरीके से खोलेेंगे। जिसके जरिए एक ज्यादा स्थिर माहौल विकास के लिए बनाया जा सके। चीन के राजदूत की ये बातचीत भारत चीन के बॉर्डर विवाद को ध्यान में रखकर कही गई है। सोशल मीडिया एक्स पर किए गए इस पोस्ट से समझ में आ रहा है कि चीनी राजदूत ने एक तरह से ये बताने की कोशिश की है कि भारत के साथ जो भी बॉर्डर का विवाद है उसे चीन ठीक करने में भारत के साथ काम करने में दिलचस्पी रखता है। इतना ही नहीं चीनी राजदूत के इस बयान से समझ में आता है कि आने वाले दिनों में जो भी मतभेद हैं उसे बैठकर बातचीत के जरिए निपटारा किया जा सकता है और विकास के लिए एक दूसरे का सहयोग बढ़ाया जा सकता है। हाल ही में विदेश मंत्री ने बताया था कि भारत और चीन के बीच कई मामलों को लेकर डिसइंगेजमेंट हुआ है, जिसमें ईस्टर्न लद्दाख में प्रोसेस भी चल रहा है।

पाकिस्तान: आसमान से गिरा और खजूर में अटका

नई दिल्ली: उपरोक्त कहावत पाकिस्तान के ऊपर एकदम फिट बैठ रही है। एक तरफ आर्थिक संकट और दूसरी ओर एनर्जी क्राइसिस ने पाकिस्तान की कमर तोड़ रखी है। इसके साथ चीन जिसे पाकिस्तान अपना सबसे करीबी दोस्त बताता है वो उसकी मुश्किलें और बढ़ा रहा है। ताजा मामला वर्ल्ड बैंक से जुड़े 500 मिलियन डॉलर के लोन का है। जिसे वर्ल्ड बैंक ने देने से मना कर दिया। वजह चीन और पाकिस्तान के बीच हुए पावर पर्चेज एग्रीमेंट में चीन की सख्त शर्तें और पाकिस्तान का बढ़ता विदेशी कर्ज। चीन पाकिस्तान की दोस्ती पर आर्थिक तनाव का साया पड़ गया है। भारत के साथ हुई हालिया बैठक में इस स्थिति को और भी पेंचीदा बना दिया गया। दरअसल, पाकिस्तान की एनर्जी क्राइसिस कोई नई बात नहीं है। बिजली की मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर है। मांग करीब 27472 मेगावाट है और आपूर्ति 22099 मेगावाट है। ये अतंर बिजली के बढ़ते दाम और जनता की परेशानियों का बड़ा कारण है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *