योगी राज में महामंडलेश्वर को कांवड़ लाने से रोकना शरियत का संकेत: यति सत्यदेवानंद सरस्वती महाराज
अगर यूपी प्रशासन अपना तुगलकी फरमान बापिस ले अन्यथा सन्त समाज करेगा यूपी के मुख्यमंत्री आवास पर आंदोलन: बाल बाबा योगी ज्ञान नाथ महाराज
ऊना/सुखविंदर/ संजीव डोगरा 4जुलाई। ऊना में अखिल भारतीय संत परिषद् के हिमाचल, पंजाब, हरियाणा के प्रभारी यति सत्यदेवानन्द सरस्वती महाराज शिष्य महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरी महाराज श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने बाल बाबा योगी ज्ञान नाथ जी, ब्रह्मचारी श्याम चेतन, ब्रह्मचारी राम चेतन महाराज के साथ आज ऊना के रेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता में कहा कि उनके गुरु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरी महाराज सनातन धर्म की रक्षा तथा देश को सुरक्षा तथा महादेव की साधना के लिए शिव शक्ति धाम डासना मन्दिर से हरिद्वार अपने शिष्यों तथा साथियों के साथ 5 जुलाई को कांवड़ लाने जा रहे थे। लेकिन गुरु पूर्णिमा के दिन उतर प्रदेश प्रशासन ने मठ में आकर तुगलकी फरमान देते हुए कहा कि आप कांवड़ लाने नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि गुरु जी पहले ही सत्ता और प्रशासन से तंग आकर सामाजिक गतिविधियां लगभग छोड़ ही चुके हैं। उन्होंने यह निश्चय किया था कि वो साल में दो बार कांवड़ का जल लाकर शिव शक्ति धाम डासना के महादेव को समर्पित करेंगे और हर महीने में एक बार गिरिराज की परिक्रमा किया करेंगे। परन्तु 3 तारीख को ही एसीपी व थाना अध्यक्ष गाजियाबाद ने आकर उनको कांवड़ यात्रा पर न जाने का फरमान सुना दिया जिस पर उनके गुरु जी ने प्रतिवाद किया तो अधिकारियों ने उन्हें बुरी तरह धमका दिया।
अपमान, हताशा और क्षोभ से असहाय होकर उनके गुरु महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज जी ने अपने रक्त से उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने इसको अपने मूल अधिकारों का हनन व धार्मिक कार्य तथा उनकी आस्था पर आघात बताया और जल के अलावा हर तरह की खाद्य सामग्री का परित्याग कर दिया। उन्होंने संकल्प लिया कि अगर शिवरात्रि तक अगर वो कांवड़ का जल लाकर अपने महादेव को नहीं चढ़ा पाए तो वो जल का भी परित्याग कर देंगे क्योंकी अपने धार्मिक अधिकार छोड़कर जीने की अपेक्षा सम्मान पूर्वक मर जाना बहुत बेहतर है।
यह सब धर्म प्रिय सनातन धर्म के सूर्य कहे जाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य में होना शरियत आरम्भ होने का संकेत है।
वही बाल योगी ज्ञान नाथ ने इसे एक संत के धार्मिक अधिकारों का हनन व सनातन समाज की निर्भीक आवाज का दमन बताया और कहा कि वो भी सनातन का सूर्य कहे जाने वाले योगी आदित्यनाथ जी महाराज के राज में होना चिंतनीय है। इसके लिए सन्त समाज तथा सनातन समाज चुप नहीं बैठेगा। वो अपने साथियों के साथ आज ही महामंडलेश्वर से मिलने गाजियाबाद के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। अगर उतर प्रदेश प्रशासन 5 जुलाई को महामंडलेश्वर यति नरसिंहानन्द गिरी महाराज जी को कांवड़ लाने से रोकती है तो सभी सन्त उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास पर जाकर आन्दोलन करेंगे। बाल योगी ज्ञान नाथ ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके सन्त को कुछ हुआ और उनके धार्मिक अधिकारों का हनन हुआ तो उनके साथ और कई संतों की समाधियां लगेगीं। जिसकी जवाब देही उतर प्रदेश सरकार और भारत सरकार की होगी। उन्होंने कहा सत्ता समय समय पर संतों की बलि लेती आई हैं अब फिर संतों के इम्तिहान का समय आ गया है और वे अपने बलिदान के लिए तैयार हैं।
