November 22, 2024

उपमंडल बंगाणा में 6125 कनाल भूमि पर की गई सोलर बाड़बंदी

बंगाणा, अजय कुमार, उपमंडल बंगाणा की 6125 कनाल भूमि में उगाई गई गेहूं की फसल को जंगली जानवरों से सोलर बाड़बंदी द्वारा सुरक्षित किया जा चुका है। कृषि विभाग द्वारा क्षेत्र के किसानों को इस योजना से जोड़ने के लिए प्रयास और भी तेज किए जा रहे हैं ताकि किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा बर्बाद किए जाने से बचाया जा सके। विकास खंड बंगाणा के किसानों के लिए मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना के तहत यह सोलर सिस्टम लगाया जाता है। बंगाणा के किसानों ने बताया कि उन्होंने कृषि विभाग के सौजन्य से 3200 वर्ग मीटर उपजाऊ भूमि की तारबंदी की थी। तारबंदी करने के बाद उन्होंने 3 वर्षों में 6 फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की है। सोलर तारबंदी करने के उपरांत जंगली जानवरों के आतंक से मुक्त होकर रात को निश्चिंत रहते हैं। बंगाणा के अतिरिक्त यह बाड़बंदी उपमंडल के कई गांवों में की जा चुकी है। कृषि विभाग द्वारा विभिन्न गांवों की 6125 कनाल भूमि में यह तारबंदी अब तक की जा चुकी है। इससे पूर्व जंगली जानवर किसानों की फसलों को पूर्णतया चौपड़ कर देते थे। बंगाणा के किसानों में पंचायत उप प्रधान अजय शर्मा, शक्ति चंद, ओम प्रकाश, नरेश कुमार, सुभाष चंद, जीत कुमार, मेहर सिंह, आशा देवी, शक्ति स्वरूप, कुलदीप चंद, विमला देवी, दौलतराम, जसबीर चंद ने बताया कि जंगली जानवरों के भय से मुक्त होकर रात को अच्छी नींद सोते हैं। तारबंदी से पूर्व उनकी फसलों को लावारिस पशु, बंदर, सूअर, सांभर आदि नष्ट कर देते थे लेकिन विभाग द्वारा जब से उनके खेतों की तारबंदी की गई है जंगली जानवरों के आतंक से मुक्त हो गए हैं।

किस प्रकार होता है वचाव

ग्राउंड लेवल पर घास आदि से बचाव के लिए जाला लगाया जाता है। जाले के ऊपर तारें लगाई जाती हैं। इन सभी तारों में सोलर करंट प्रवाहित होता है। इन तारों के स्पर्श करने पर जंगली जानवरों को झटका लगता है व जंगली जानवर खेतों में प्रवेश करने के बजाए वहां से भाग जाते हैं। इस करंट से जंगली जानवरों की मृत्यु नहीं होती है।

क्या कहते हैं कृषि अधिकारी

इस संबंध में कृषि विभाग अधिकारी बंगाणा सतपाल धीमान ने कहा कि मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना के तहत किसानों की 6125 कनाल भूमि पर सोलर तारबंदी की गई है। क्षेत्र के सभी किसानों को इस योजना से जोड़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि किसान जंगली जानवरों द्वारा फसल को पहुंचाने वाले नुकसान से मुक्त हो सकें।