February 5, 2025

विटामिन-डी की कमी पूरी करने के लिए धूप में बैठें

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विटामिन-डी, जिसे अक्सर 'सूरज का विटामिन' या 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्युनिटी को बढ़ावा देने और कई अन्य शारीरिक फंक्शन के लिए जरूरी है। धूप ही विटामिन-डी का सबसे बेहतर नेचुरल सोर्स है, लेकिन सवाल उठता है कि विटामिन-डी की कमी पूरी करने के लिए हमें कितनी देर धूप में बैठना चाहिए?

विटामिन-डी, जिसे अक्सर 'सूरज का विटामिन' या 'सनशाइन विटामिन' भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्युनिटी को बढ़ावा देने और कई अन्य शारीरिक फंक्शन के लिए जरूरी है। धूप ही विटामिन-डी का सबसे बेहतर नेचुरल सोर्स है, लेकिन सवाल उठता है कि विटामिन-डी की कमी पूरी करने के लिए हमें कितनी देर धूप में बैठना चाहिए?

विटामिन-डी, जिसे अक्सर ‘सूरज का विटामिन’ या ‘सनशाइन विटामिन’ भी कहा जाता है, हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्युनिटी को बढ़ावा देने और कई अन्य शारीरिक फंक्शन के लिए जरूरी है।
धूप ही विटामिन-डी का सबसे बेहतर नेचुरल सोर्स है, लेकिन सवाल उठता है कि विटामिन-डी की कमी पूरी करने के लिए हमें कितनी देर धूप में बैठना चाहिए? आइए जानते हैं।

हड्डियों का स्वास्थ्य: विटामिन-डी कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
इम्यून सिस्टम: विटामिन-डी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर हमें इन्फेक्शन से बचाता है।
मेंटल हेल्थ- विटामिन-डी की कमी से डिप्रेशन और मूड स्विंग्स जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
दिल का स्वास्थ्य: विटामिन-डी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
थॉयरॉइड हेल्थ: विटामिन-डी की कमी की वजह से थायरॉइड ग्लैंड ठीक से काम नहीं कर पाता और थायरॉइड डिसऑर्डर हो सकते हैं। जब हमारी त्वचा सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आती है, तो शरीर कोलेस्ट्रॉल को विटामिन: डी में बदलना शुरू कर देता है। यह विटामिन-डी फिर लिवर और किडनी में एक्टिव हो जाता है।
कितनी देर धूप में बैठना चाहिए, इस सवाल का कोई एक जवाब नहीं है, क्योंकि विटामिन-डी का उत्पादन नीचे दिए कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है।
त्वचा का रंग- गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को विटामिन-डी बनाने के लिए ज्यादा समय तक धूप में रहने की जरूरत होती है।

जगह- भूमध्य रेखा के पास रहने वाले लोगों को विटामिन-डी हासिल करने के लिए कम समय की जरूरत होती है।
मौसम- सर्दियों में सूर्य की किरणें टेढ़ी पड़ती हैं, इसलिए विटामिन डी का उत्पादन कम होता है।
उम्र- बढ़ती उम्र के साथ विटामिन-डी का उत्पादन कम होता जाता है।

सामान्य तौर पर, स्वस्थ वयस्कों को सप्ताह में कुछ दिनों 10-30 मिनट तक सुबह 10 बजे से पहले की धूप में बैठना चाहिए। सनस्क्रीन यूवीबी किरणों को रोकता है, जो विटामिन डी के उत्पादन के लिए जरूरी हैं, इसलिए धूप में रहने के पहले सनस्क्रीन लगाने से बचें। हालांकि, इसके बाद सनबर्न से बचने के लिए सनस्क्रीन लगाकर घर से निकलें।
विटामिन डी के अन्य सोर्स भी हैं
डाइट- मछली (खासकर फैटी फिश), अंडे, मशरूम और दूध जैसे फूड आइटम्स में विटामिन-डी पाया जाता है।
सप्लीमेंट्स- यदि आप सही विटामिन-डी नहीं हासिल कर पा रहे हैं, तो आप डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट ले सकते हैं।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
थकान
हड्डियों में दर्द
मांसपेशियों में कमजोरी
डिप्रेशन
घाव भरने में देरी
धूप विटामिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि ज्यादा समय तक धूप में रहने से स्किन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, विटामिन-डी हासिल करने के लिए कुछ देर तक ही धूप में बैठना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपको विटामिन-डी की कमी है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।