सिख उम्मीदवार को धार्मिक चिन्ह के कारण नहीं मिला परीक्षा में प्रवेश
अमृतसर, राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) की सिविल जज भर्ती परीक्षा में शामिल होने गई अमृतधारी सिख उम्मीदवार गुरप्रीत कौर, निवासी फेलोके जिला तरनतारन को किरपान पहनने के कारण प्रवेश न देने की सख्त निंदा की गई है।
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने इसे भारतीय संविधान का उल्लंघन और सिखों के विरुद्ध भेदभाव करार दिया।
उन्होंने कहा कि धारा 25 (1) में स्पष्ट है कि किरपान सिख धर्म के धार्मिक प्रतीकों में शामिल है, फिर भी न्यायिक प्रणाली से जुड़े भर्ती संस्थान सिख पहचान का अपमान कर रहे हैं।
जत्थेदार ने शिरोमणि अकाली दल और एसजीपीसी को निर्देश दिया कि वे मिलकर एक संयुक्त उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल बनाएं और भारत सरकार व राजस्थान सरकार के समक्ष यह मामला तत्काल प्रभाव से उठाएं। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सिख चेयरमैन सरदार इकबाल सिंह लालपुरा से भी मांग की कि वे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात करके इस मुद्दे को हल करवाएं और उसकी संपूर्ण रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजें। उन्होंने कहा कि आज जब गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 350वां शहादत दिवस मनाया जा रहा है, सरकारें धार्मिक आयोजन करवा रही हैं, लेकिन उन्हीं के सिखों की पहचान को अपमानित किया जा रहा है।
