March 14, 2025

भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील जगहों को किया जाएगा चिह्न्ति: डीसी

बोले, आईआईटी मंडी के सहयोग से पूर्व चेतावनी यंत्र होंगें स्थापित
धर्मशाला , उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में भूस्खलन की दृष्टि से संवदेनशील जगहों को चयनित किया जाएगा इन जगहों पर भूस्खलन जैसी प्राकृतिक खतरों से बचाव तथा माॅनिटरिंग के लिए आईआईटी मंडी के सहयोग से पूर्व चेतावनी सिस्टम स्थापित किए जाएंगे ताकि हादसों से बचाव किया जा सके। उन्होंने बताया कि अभी तक कांगड़ा जिला के भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील नौ स्थानों पर भूस्खलन पूर्व चेतावनी यंत्र स्थापित किए गए हैंे।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि आपदा से पूर्व प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे इस के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की स्थापना, आपदा प्रबंधन तथा अग्निशमन सेवाओं को मजबूत करने पर विशेष बल दिया गया है।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आता है जिसके दृष्टिगत जिला में आपदा प्रबंधन को लेकर आधारभूत सुविधाएं जुटाने के लिए दूरगामी प्लान तैयार किया गया है ताकि आपदा से होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि प्रारंभिक चरण में स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं ताकि मौसम की पूर्व जानकारी उपलब्ध करवाई जा सके। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला प्रशासन तथा मंडी आईआईटी प्रशासन के बीच भूकंप, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक खतरों से बचाव तथा माॅनिटरिंग के लिए कांगड़ा जिला के विभिन्न स्थानों पर सिंथेटिक एपर्चर रडार आधारित कांगड़ा जिला का प्रोफाइल विकसित करने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया गया है। उपायुक्त ने बताया कि आपदा प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से वेव साइट भी तैयार की गई है जिसमें सभी पंचायतों को जोड़ा गया है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि प्रारंभिक चरण में स्वचालित मौसम स्टेशन कांगड़ा जिला के आवेरी, बीड़, खास, दरूग, नपोहता, कोहर खास, करनाथू तथा डंडेल में स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं इनके माध्यम से मौसम के पूर्व जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में यह मौसम स्टेशन काफी कारगर साबित होंगे किसी भी तरह की भारी बारिश, आंधी, तूफान इत्यादि के बारे में मौसम स्टेशन के उपकरणों के माध्यम से अलर्ट की सूचना जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साथ संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों तक भी पहुंचेगी ताकि मौसम के पूर्वानुमान के आधार पर आपदा प्रबंधन की तैयारियां की जा सकें।