पंचकूला में सप्तदिवसीय आभासीय राष्ट्रस्तरीय ज्योतिष्–कार्यशाला का उद्घाटन किया गया
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श्रीमाता मनसा देवी राजकीय संस्कृत महाविद्यालय पंचकूला में सप्तदिवसीय आभासीय (ऑनलाइन) राष्ट्रस्तरीय ज्योतिष्–कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्यातिथि राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित संस्कृत विद्वान् प्रो. जगदीश प्रसाद सेमवाल उपस्थित रहें। कार्यक्रम का प्रारम्भ मुख्यातिथि के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना से हुआ।
ज्योतिष् शास्त्र के विभिन्न पक्षों पर वैज्ञानिक दृष्टि डालते हुए कहा गया कि ज्योतिष् शास्त्र पूर्णतः वैज्ञानिक शास्त्र है, जिसमें सम्पूर्ण गणना गणितशास्त्र आधारित रहती है। आज हमें ज्योतिष् के गूढ़ रहस्यों को जन सामान्य तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पहुँचाने की महती आवश्कता है। उन्होंने विभिन्न लौकिक उदाहरणों से व्यवहारिक जीवन की उपादेयता पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों से ज्योतिष् शास्त्र को जन–जन तक पहुंचाने की अपील की एवं कहा कि भविष्य में ज्योतिष् शास्त्र में अपार सम्भावनाएँ है।
राष्ट्रीय कार्यशाला के संयोजक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि इस राष्ट्रीय कार्यशाला में सम्पूर्ण भारत से आभासीय माध्यम से 100 प्रतिभागी भाग ले रहे है। संसाधक (रिसोर्स पर्सन) के रूप में डॉ कृष्ण चन्द्रशास्त्री, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली से डॉ. देशबन्धु, डॉ. बृजमोहन, डॉ. जगदीश, महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, मूदंडी से डॉ. नरेशदत्त, डॉ. नवीन शर्मा प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे। प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
इस उद्घाटन सत्र में प्राचार्या श्रीमती रीटा गुप्ता द्वारा समागत मुख्यातिथि का श्रीफल द्वारा स्वागत व अभिनन्दन किया गया। इस अवसर पर डॉ. राजबीर द्वारा मञ्चसञ्चालन किया गया। इस अवसर पर डॉ. डेजी रानी, डॉ. सारिका, डॉ. पुष्पा रानी, महाविद्यालय परिवार के अन्य सदस्य एवं प्रतिभागी आभासीय व प्रत्यक्ष माध्यम से उपस्थित रहें।