February 6, 2025

उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों पर राजस्व विभाग अतिक्रमण पर हुआ सख्त

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अवैध कब्जा करने वालो पर गिरेगी गाज

-देवेंद्र ठाकुर, नेरचौक: रिवालसर में वर्षो से सरकारी भूमि पर कुंडली मार कर बैठे अवैध कब्जा धारियों पर गिरेगी गाज। अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है।प्रदेश उच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों पर क्षेत्र का राजस्व विभाग अतिक्रमण पर सख्त होकर उप तहसील रिवालसर के अधिकार क्षेत्र में अवैध कब्जा किए हुए लोगों को मात्र 7 दिन के अंदर अवैध कब्जा को खाली करने का अल्टीमेट दे दिया है। 7 दिनों में अगर कब्जाधारियों ने अबैध कब्जे नही हटाये तो प्रशासन द्वारा एक तरफा कार्यवाही करके कब्जों को हटाएगा। कार्यकारी दंडाधिकारी एवं तहसीलदार सब तहसील रिवालसर संजीव प्रभाकर ने जारी बयान मे बताया कि उपतहसील रिवालसर के अधिकार क्षेत्र में लगभग 90 से अधिक लंबित पड़े बारांट बेदखली के मामलों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कानूनगो वृत्त रिवालसर मे ही 24 अवैध कब्जाधारियों को कब्जा स्वयं उखाड़ने के लिए 7 दिन के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जिसमें रिवालसर नगर भी शामिल है। कानूनगो वृत्त लेदा में छह अवैध कब्जाधारियों को स्वयं कब्जा हटाने के लिए नोटिस पहले ही जारी कर दिए गए हैं। निर्धारित अवधि के भीतर अवैध कब्ज़ा न हटाए जाने पर की स्थिति में विभाग द्वारा अपने स्तर पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। कब्जा हटाने पर होने वाला सारा खर्च अवैध कब्जाधारीयों से वसूल किया जाएगा। अवैध कब्जाधारियों में नोटिस मिलने के बाद हड़कम्प मच गया है। रिवालसर में इसके अलावा और भी बहुत सारे अवैध कब्जा धारी हैं जो कि धर्म की आड़ में सालों से अवैध कब्जा जमाए हुए।इनमे बहुत सारे अवैध कब्जे बौद्ध समुदाय से जुड़े लोगों द्वारा किये गए है जो कि धर्म की आड़ में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किये हुए है। रिवालसर नगर में अगर सही मायनों में अवैध कब्जों की प्रशासन निशानदेही करवाता है तो इनका आंकड़ा सैंकड़ो में हो सकता है।स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अगर प्रशासन स्थानीय लोगो पर ही एक तरफ़ा कार्यवाही करता है तो लोग सड़कों पर उतरने पर मजबूर होंगे। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगो ने बताया कि रिवालसर नगर को अबैध कब्जा मुक्त नगर बनाया जाये ताकि रिवालसर नगर का विकास हो सके। रिवालसर नगर में विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए जमीन नजर नही आती मगर राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में सैंकड़ों बीघा जमीन सरकार के नाम है।