सरकारी जमीन से हटाएं हर तरह के अवैध कब्जे: हाई कोर्ट
1 min readसभी विभागों को दिए कड़े निर्देश, एक महीने में काटें बिजली पानी कनेक्शन
अजय सूर्या, शिमला : सरकारी जमीन पर किसी भी तरह के अवैध कब्जे सहन नहीं किए जाएंगे। हिमाचल हाई कोर्ट ने इस संदर्भ में सरकार के सभी विभागों को कड़े निर्देश जारी किये हैं। हाईकोर्ट ने किसी भी किस्म की सरकारी भूमि को अवैध कब्जा मुक्त बनाने के लिए सभी सरकारी विभागों व प्राधिकरणों के संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों को सख्त आदेश जारी किए हैं।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बीसी नेगी की खंडपीठ ने विशेष रूप से राजस्व, वन विभाग के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि भविष्य में बेदखल किए जा चुके अतिक्रमणकारियों सहित किसी अन्य व्यक्ति द्वारा सरकारी वन भूमि, सार्वजनिक सड़कों व सार्वजनिक रास्तों पर कोई नया अतिक्रमण न हो।
हाईकोर्ट ने वन रक्षक, पटवारी और कार्य निरीक्षक को आदेश दिए कि वह अपने संबंधित बीट, क्षेत्र, अधिकार क्षेत्र में सरकारी वन भूमि, सार्वजनिक सड़क व मार्ग पर सभी मौजूदा और किसी भी नए अतिक्रमण की सूचना संबंधित डिप्टी रेंजर, कानूनगो व कनिष्ठ अभियंता को दें। साथ ही ऐसी सूचना की प्रति संबंधित प्रभागीय वन अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व सहायक अभियंता को बिना किसी देरी के भेजें। इसके अलावा संबंधित अधिकारी को अतिक्रमण हटाने के लिए कानून के अनुसार तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।
ऐसा इसलिए ताकि सरकारी, वन भूमि व सार्वजनिक सड़क को अतिक्रमण से बचाया जा सके। कोर्ट ने पूरे प्रदेश में वन रक्षकों को प्रत्येक माह के पहले सप्ताह के दौरान डिप्टी रेंजरों के माध्यम से संबंधित प्रभागीय वन अधिकारियों को लिखित रूप में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट में उनकी बीट में सरकारी, वन भूमि पर अतिक्रमण का ब्यौरा जरूरी होना चाहिए।
कोर्ट ने क्षेत्र में तैनात प्रत्येक पटवारी को प्रत्येक माह के पहले सप्ताह के दौरान संबंधित तहसीलदार व नायब तहसीलदार को फील्ड कानूनगो के माध्यम से लिखित रूप में रिपोर्ट प्रस्तुत कर अपने पटवार सर्कल में सरकारी व वन भूमि पर अतिक्रमण का ब्यौरा प्रस्तुत करने के आदेश दिए। कोर्ट ने संबंधित क्षेत्र में तैनात प्रत्येक कार्य निरीक्षक को भी प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में जूनियर इंजीनियर के माध्यम से संबंधित सहायक अभियंता को लिखित रूप में रिपोर्ट प्रस्तुत कर सार्वजनिक सड़कों व सार्वजनिक रास्तों पर अतिक्रमण का विवरण देने के आदेश जारी किए।