पीओके में आतंकियों के खिलाफ जनता का विद्रोह
लश्कर कमांडर को जनाजे में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
नई दिल्ली, भारतीय सुरक्षाबलों के ऑपरेशन महादेव के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से अशांति और आतंकी संगठनों के खिलाफ जनता के भारी गुस्से की खबरें सामने आ रही हैं। पीओके के एक पत्रकार ने दावा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर में हुए भारी नुकसान के बाद स्थानीय लोगों में आतंकी संगठनों के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी है, जिसके चलते अब आम लोग भर्ती का खुला विरोध कर रहे हैं। यह गुस्सा इस कदर बढ़ गया है कि लोग अब आतंकी कमांडरों की सरेआम पिटाई करने लगे हैं।
ताजा घटना पीओके के कुइयां गांव की है, जहां 30 जुलाई, 2025 को ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी हबीब ताहिर उर्फ छोटू के नमाज-ए-जनाजे के दौरान जमकर हंगामा हुआ। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े कमांडर रिजवान हनीफ को गांव वालों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, श्रीनगर के हरवान में मारे गए लश्कर आतंकी हबीब ताहिर के परिवार ने साफ तौर पर आतंकी संगठनों को जनाजे से दूर रहने को कहा था। इसके बावजूद, लश्कर कमांडर रिजवान हनीफ अपने हथियारबंद साथियों के साथ वहां पहुंच गया। जनाजे के दौरान जब रिजवान के भतीजे ने लोगों को बंदूक दिखाकर धमकाने की कोशिश की, तो भीड़ का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने रिजवान हनीफ की लात-घूंसों से जमकर पिटाई कर दी, जिसके बाद वह अपने साथियों समेत वहां से भाग खड़ा हुआ।
इस घटना के बाद अब स्थानीय लोग आतंकी भर्ती और उनकी गतिविधियों का मिलकर मुकाबला करने के लिए एक सार्वजनिक स्थानीय पंचायत बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। यह पीओके में आतंक के खिलाफ पनप रहे एक बड़े सामाजिक विद्रोह का संकेत है।
इस बीच, पीओके के पत्रकार ने यह भी दावा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, हूजी और अलकायदा जैसे संगठनों ने इलाके में फिर से ट्रेनिंग कैंप शुरू कर दिए हैं। मौजूदा तनावपूर्ण हालात को देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है।
