काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को मिला राज्यकर्मी का दर्जा
80 से 90 हजार तक पहुंचेगा वेतन
वाराणसी, श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों, अर्चकों और कर्मचारियों के लिए 40 साल का लंबा इंतजार खत्म हो गया है। गुरुवार को हुई श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की 108वीं बैठक में ऐतिहासिक कर्मचारी सेवा नियमावली को हरी झंडी दे दी गई। इस फैसले के बाद मंदिर के सभी कर्मचारियों को अब राज्य कर्मचारी का दर्जा प्राप्त होगा, जिससे उनके वेतन में लगभग तीन गुना की भारी बढ़ोतरी होगी।
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में करीब दो दर्जन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिसने मंदिर के विकास और व्यवस्था की नई रूपरेखा तैयार कर दी है।
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने बताया कि नई नियमावली लागू होने के बाद मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों के जीवन स्तर में बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि अभी तक पुजारियों को लगभग 30 हजार रुपये मासिक मिलते थे, जो अब बढ़कर 80 से 90 हजार रुपये हो जाएगा। वेतन के साथ-साथ अब कर्मचारियों को राज्यकर्मियों की तरह प्रमोशन, अवकाश, भत्ते और अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा। नियुक्ति के लिए चार श्रेणियों में ग्रेड और मैट्रिक्स तय किए जाएंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 1983 में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का अधिग्रहण किया था, लेकिन तब से लेकर आज तक कर्मचारियों के लिए कोई स्थाई सेवा नियमावली नहीं बन पाई थी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अब काशी विश्वनाथ धाम से विशालाक्षी माता मंदिर तक एक नया कॉरिडोर बनाया जाएगा, जिसके लिए भवन खरीदने की सहमति बन गई है। साथ ही काशी विश्वनाथ धाम में एक अत्याधुनिक डिजिटल संग्रहालय स्थापित किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं को मंदिर के इतिहास और महत्व से डिजिटल माध्यम से परिचित कराएगा।
