December 22, 2025

जीवन में जहर घोल रहीं कीट और फफूंद नाशक दवाइयां

घास जलाने को दवाइयों का सहारा ले रहे क्षेत्र के किसान
बारिश से कूओं,वावडियों व जलाशयों में पहुंच रही खरपतवार

अजय कुमार, बंगाणा, किसान खेतों व घासनियों में अनावश्यक घास व जड़ी- बूटियों को जलाने के लिए खरपतवार नाशक दवाइयों का इस्तेमाल धड़ल्ले से कर रहे हैं। इन घातक दवाइयों के इस्तेमाल से घास व जड़ी बूटियां तो समाप्त हो रही है लेकिन खेतों में घास व जड़ी बूटियों को समाप्त करने के लिए स्प्रे की जाने वाली घातक दवाइयां वर्षा के पानी के साथ मिलकर प्राकृतिक स्त्रोतों में पहुंच रही है। दवाइयों को स्प्रे किए जाने वाले स्थान का घास पशुओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रहा है। इन पशुओं के दूध का सेवन मानव के शरीर पर भी विपरीत असर डाल रहा है। गौर रहे कि आजकल दवाई विक्रय केंद्रों से सैकड़ों किवंटल के हिसाब से घास जलाने वाली दवाइयों को खरीदा जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ जैविक खेती करने के लिए करोड़ों रुपए का बजट जारी किया जा रहा है जबकि दूसरी तरफ किसान जहरीली दवाइयों का स्प्रे करके फसलों की पैदावार को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न विभागों व एनजीओ की ओर से जैविक खेती अपनाने के लिए गांव-गांव में शिविर लगाए जा रहे हैं कि किसान जैविक खेती को अपनाएं लेकिन सब्जियों व फसलों की अधिक पैदावार के लालच में इंसान कृत्रिम खादों व जहरीली दवाइयों का अधिक से अधिक इस्तेमाल करके मानव व अन्य जिंदगियों को खतरे में डाल रहा है। हालांकि क्षेत्र में जैविक खेती द्वारा तैयार की जाने वाली सब्जियों व अनाज को अधिक दामों पर खरीदा जा रहा है लेकिन फिर भी जागरूकता के अभाव में किसान कृत्रिम खादों व अधिक पैदावार देने वाली दवाइयों का सहारा ले रहा है। इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारी सतपाल धीमान ने बताया कि किसानों को तरह-तरह के जागरूकता शिविर लगाकर जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। खरपतवार दवाईयां मनुष्य व पशु पक्षियों के जीवन पर गहरा असर डालती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *