अब फास्टैग से टोल के साथ- साथ पार्किंग, पेट्रोल व ईवी चार्जिंग तक का होगा भुगतान
नई दिल्ली, टोल भुगतान तक सीमित रहे FASTag को अब मल्टीपर्पस डिजिटल वॉलेट बनाने की तैयारी तेज हो गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस योजना के तहत भविष्य में फास्टैग से पार्किंग, पेट्रोल, ईवी चार्जिंग, फूड आउटलेट और यात्रा से जुड़ी अन्य सेवाओं का भुगतान भी किया जा सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक पिछले छह महीनों से चल रहा ट्रायल सफल रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि फास्टैग को वॉलेट की तरह इस्तेमाल करने से डिजिटल फ्रॉड की आशंका घटेगी। सीमित बैलेंस होने के कारण किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में नुकसान नियंत्रित रहेगा और यूजर को बार-बार अलग-अलग पेमेंट मोड की जरूरत नहीं पड़ेगी।
जिन सेवाओं में होगा फास्टैग का इस्तेमाल होगा उनमें फिनटेक कंपनियों, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स, बैंकों और टोल ऑपरेटर्स के साथ हुई बैठकों में निम्न सेवाओं के लिए सहमति बनी है। टोल भुगतान, पेट्रोल पंप, ईवी चार्जिंग स्टेशन, फूड आउटलेट, वाहन मेंटेनेंस, सिटी एंट्री चार्ज, यात्रा के दौरान अन्य सड़क-इतर सुविधाएं शामिल हैं।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि दिल्ली मंडल रेलवे ने पार्किंग और यातायात प्रबंधन को लेकर नई पॉलिसी तैयार की है। इसके तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पार्किंग शुल्क का भुगतान फास्टैग से किया जाएगा। अनुमान है कि करीब 80 प्रतिशत वाहन यात्रियों को ड्रॉप या पिक-अप कर तुरंत बाहर निकल जाएंगे। शुल्क स्वतः कटने से ठेकेदारों और वाहन चालकों के बीच अतिरिक्त वसूली को लेकर होने वाले विवाद लगभग खत्म हो जाएंगे।
नई व्यवस्था में पार्किंग और ट्रैफिक संचालन के लिए पहली बार एक्स-आर्मी मैन को मार्शल के रूप में तैनात किया जाएगा। इससे निजी सुरक्षाकर्मियों की बदसलूकी से जुड़ी शिकायतों पर लगाम लगेगी और सेना के अनुभव का लाभ सुरक्षा व्यवस्था व आतंकी गतिविधियों की रोकथाम में मिलेगा।
दिल्ली मंडल की इस नीति के तहत टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और नई कंपनी 28 दिसंबर से पार्किंग मैनेजमेंट संभाल लेगी। टेंडर शर्तों के अनुसार कंपनी को एक माह के भीतर यात्री सुविधाएं, वाहन प्रबंधन और सुरक्षा से जुड़े सभी मानक लागू करने होंगे। अजमेरी गेट की ओर तीन विशेष पाथवे बनाए जा रहे हैं, जिनसे यात्री अपने सामान के साथ आसानी से सुरक्षा जांच व स्कैनिंग तक पहुंच सकेंगे। ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों के लिए निर्धारित लेन से टैक्सी, बस या मेट्रो तक पहुंच भी सरल होगी।
