नौणी विवि ने अचार, सब्जी में प्रयोग होने वाली बांस की प्रजातियां तैयार की
1 min readकमल जीत, सोलन: नौणी विवि ने अचार, सब्जी समेत अन्य सजावटी सामान के लिए प्रयोग होने वाली बांस की प्रजातियां तैयार की हैं। इसके सेवन से हड्डियां भी मजबूत होंगी। बांस एक ऐसा पौधा है जो भारत में लगभग सभी जगहों पर आसानी से मिल जाता है बांस का अचार और मुरब्बा भी बनता है बांस का अचार स्वादिष्ट होने के साथ ही फायदेमंद भी माना जाता है यह शरीर की लंबाई बढ़ाने से लेकर हड्डियां मजबूत करता है नौणी विवि के पास बांस की कुल 26 सेवन और अन्य कार्य के लिए प्रयोग होने वाली प्रजातियां हैं। पशु चारे की कई प्रजातियां भी किसानों को मिलेंगी। नौणी विवि के सिल्वीकल्चर और एग्रोफोरेस्ट्री विभाग ने बांस अनुसंधान और संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाई है। विभाग ने विभिन्न वित्त पोषित परियोजनाओं में अपने बांस वृक्ष उद्यान में 26 बांस की प्रजातियां के जर्मप्लाज्म को संरक्षित किया है। निदेशक अनुसंधान डॉ. संजीव चौहान ने बताया कि बांस बहुत तेजी से बढ़ने वाला वाला पौधा है। 2019 में सरकार ने इसे वन पौधे के बजाय घास के रूप में वर्गीकृत किया। इसलिए बांस की कटाई और परिवहन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। वर्तमान में विभाग का नर्सरी 9 वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण बांस प्रजातियों की बिक्री कर रहा है जो किसानों, कृषि विभाग, वन विभाग और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध हैं। पंजाब के वन विभाग की ओर से भी समय-समय पर इन पौधों की आपूर्ति की जाती है।