राष्ट्र इंफ्रास्टक्चर- सीमावर्ती क्षेत्रों में मजबूत कनेक्ट
1 min readदेश के सीमावर्ती और दूर-दराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करना अब नए भारत की आदत बन गई है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) अपनी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से न केवल सीमाओं को सुरक्षित कर रहा है बल्कि दूर-दराज क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 12 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों की 2,900 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 90 बीआरओ इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की हैं।
सीमावर्ती क्षेत्रों और सड़क से आसमान तक कनेक्टिविटी का अभूतपूर्व विकास करते हुए बीआरओ ने जम्मू में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 90 परियोजनाओं का उद्घाटन किया जो मील के पत्थर साबित होंगे। लॉन्च की गई परियोजनाओं में अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग, पश्चिम बंगाल में दो हवाई क्षेत्र, दो हेलीपैड, 22 सड़कें और 63 पुल शामिल हैं। 2,900 करोड़ रुपये की 90 परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ, 2021 से अब तक लगभग 8,000 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली बीआरओ की रिकॉर्ड 295 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की जा चुकी हैं। 2022 में, लगभग 2,900 करोड़ रुपये की लागत से 103 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया जबकि 2021 में 2,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 102 परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीआरओ द्वारा निर्मित परियोजनाओं की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि ये महत्वपूर्ण परियोजनाएं हैं जो सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में सहायता करेंगी।
इन परियोजनाओं में से 36 अरुणाचल प्रदेश, 26 लद्दाख, 11 जम्मू-कश्मीर, 5 मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में तीन जबकि सिक्किम, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में दो-दो एवं नागालैंड, राजस्थान और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक-एक परियोजना है। बीआरओ ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एक ही कार्य सत्र में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा किया है।