December 22, 2025

एक साल में 583 आम आदमी क्लीनिकों में 44 लाख से अधिक लोगों ने करवाया इलाज

आम आदमी क्लीनिक की संख्या बढक़र 659 हो जायेगी; लोग 80 किस्मों की दवाएँ और 38 तरह के टैस्ट मुफ़्त करवा सकेंगे  
 चंडीगढ़,
 मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पंजाब को सेहतमंद और बीमारियों से मुक्त राज्य बनाने के लिए शुरू किये गए आम आदमी क्लीनिकों का लगभग एक साल पूरा हो गया है और एक साल से भी कम समय में इन क्लीनिकों से 44 लाख से अधिक मरीज़ लाभ ले चुके हैं और 20 लाख से अधिक मरीजों के मुफ़्त टैस्ट किये गए हैं। यह जानकारी आज यहाँ पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने दी।  

 जि़क्रयोग्य है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले साल 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 75 आम आदमी क्लीनिक राज्य के लोगों को समर्पित किये थे, जिसके साथ अब राज्य में 583 आम आदमी क्लीनिक हो गए हैं। इन 583 आम आदमी क्लीनिकों में से 180 आम आदमी क्लीनिक शहरी क्षेत्रों में जबकि 403 ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं।  पंजाब भवन में प्रैस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के विनम्र प्रयास को राज्य के लोगों द्वारा भरपूर स्वीकृति मिली है।

उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी क्लीनिकों की सफलता के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान 14 अगस्त, 2023 को 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य के लोगों को और 76 आम आदमी क्लीनिक समर्पित करेंगे, जिसके साथ इनकी कुल संख्या 659 हो जायेगी।   उन्होंने बताया कि आम आदमी क्लीनिकों में मरीजों के लिए 80 प्रकार की दवाएँ और 38 तरह के टैस्ट मुफ़्त किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल के दौरान मरीजों को 20 लाख से अधिक मुफ़्त टैस्ट और दवाएँ मुहैया करवाई गई हैं, जिनकी कीतम लगभग 30.25 करोड़ रुपए है।  
 उन्होंने कहा कि हरेक क्लीनिक में एक मेडिकल अफ़सर, फार्मासिस्ट, क्लीनिक असिस्टेंट और दर्जा-4/ हैल्पर मौजूद होता है। सभी क्लीनिक आई.टी. आधारित हैं और हरेक क्लीनिक में मेडिकल अफ़सर, फार्मासिस्ट और क्लीनिक असिस्टेंट के लिए 1-1 टैबलेट की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि मरीजों की रजिस्ट्रेशन, दवा लिखनी और दवाओं का वितरण इन टैबलेट्स के द्वारा ही की जा रही है।  
 स्वास्थ्य क्षेत्र में और महत्वपूर्ण उपलब्धियों का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जि़ला और सब-डिविजऩल अस्पतालों में इमरजैंसी सेवाओं को मज़बूत करने के लिए 300 हाऊस सर्जनों की नियुक्ति की है, जबकि चिकित्सा अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के स्वास्थ्य विभाग में पी.जी. कर चुके 200 विद्यार्थियों को ठेका आधारित मेडिकल अफ़सर के तौर पर भर्ती किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सेकंडरी स्वास्थ्य संस्थाओं में विशेष सेवाओं की उपलब्धता को यकीनी बनाना है।  
 उन्होंने बताया कि पंजाब के अलग-अलग जि़ला अस्पतालों में माहिर डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए 14 जिलों में कुल 85 डिप्लोमैट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) की सीटें मंज़ूर की गई हैं।  
 डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के 40 अस्पतालों या सेकंडरी स्वास्थ्य देखभाल संस्थाओं को अपग्रेड करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सभी इमारतों को ज़रूरत के अनुसार अति-आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा और राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और स्टाफ की अपेक्षित संख्या को यकीनी बनाया जायेगा।  
 उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य में तीसरे दर्जे की स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है और पटियाला में 233 करोड़ रुपए की लागत से ट्रॉमा सैंटर स्थापित किया जा रहा है, जबकि अमृतसर में पीईटी सी.टी. स्कैन और न्यूक्लियर विभाग समेत आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू की जा रही हैं।  
 स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में ‘सीएम की योगशाला’ शुरू करके पंजाब सरकार ने एक शानदार पहल की शुरुआत की है, जो बीमारियों की रोकथाम और स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य में रोज़ाना लगाए जा रहे 281 योग कैंपों में 7000 से अधिक लोग ‘सीएम की योगशाला’ का लाभ ले रहे हैं और अब इन कैंपों की संख्या बढ़ाकर 1000 कर दी जायेगी, जिससे 25000 से अधिक लोग इसका लाभ ले सकेंगे।  
 उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा शुरू की ‘हर शुक्रवार, डेंगू ते वार’ मुहिम को भी लोगों द्वारा भरपूर स्वीकृति मिल रही है।  
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार एक और नवीन पहल शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जिसके अंतर्गत बीमारियों का शुरुआत में ही पता लगाने के लिए स्वास्थ्य टीमों द्वारा 3 करोड़ पंजाबियों के बल्ड प्रैशर, शूगर, बॉडी मास इंडैक्स (बी.एम.आई.) और बेसिक मैटाबोलिक रेट की जांच की जायेगी। पटियाला से शुरू किये जाने वाले इस प्रमुख प्रोजैक्ट के अंतर्गत पहले पड़ाव में लगभग 1 लाख लोगों की जांच की जायेगी।

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