February 22, 2025

पठानकोट और गुरदासपुर में चलाया जाएगा मिशन ‘हर घर रेशम’ : मोहिंदर भगत

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चंडीगढ़ : पंजाब के बागवानी मंत्री मोहिंदर भगत ने गुरुवार को कहा कि राज्य में रेशम की खेती को प्रोत्साहित करने और रेशम उत्पादन को और अधिक बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य में री‌लिंग और कोकून स्टोरेज यूनिट स्थापित किए जाएंगे। उन्होने कहा कि रेशम उत्पादन को बढ़ाने और रेशम की खेती करने वाले किसानों को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में विशेष रूप से मिशन ‘हर घर रेशम’ शुरू किया जाएगा।

मोहिंदर भगत ने पंजाब सिविल सचिवालय में बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि 4 से 9 दिसंबर 2024 तक चंडीगढ़ के किसान भवन में एक सिल्क एक्सपो आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य राज्य में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देना और रेशम की खेती करने वाले किसानों की आय में वृद्धि करना था। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय रेशम बोर्ड ने आने वाले वर्षों में इस पहल के लिए सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है।

मोहिंदर भगत ने आगे बताया कि पंजाब सरकार के प्रयासों और एचडीएफसी बैंक की कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड योजना (सीएसआर) के संयुक्त प्रयासों से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे किसानों को रेशम-कीट बीज उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी, जिसका बजट 14.82 लाख रुपये है। यह प्रयास अधिक से अधिक किसानों को रेशम की खेती के लिए प्रेरित करेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में मदद करेगा। इस योजना के तहत किसानों को रेशम-कीट बीज सामग्री प्रदान की जाएगी, जिससे इस उद्योग को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। सीएसआर कार्यक्रम के तहत, एचडीएफसी बैंक री‌लिंग यूनिट की स्थापना के लिए 51.17 लाख रुपये की अनुदान राशि प्रदान करेगा, जिससे कोकून से रेशम के धागे बनाए जाएंगे। यह यूनिट किसानों की आय में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगी और अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होगी।

इसके अतिरिक्त, मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार की ‘फेज योजना’ क्लस्टर दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करेगी, जो किसानों को कृषि-व्यवसायी उद्यमी बनने के लिए प्रशिक्षित करने और शिक्षित करने पर केंद्रित है। इसे समर्थन देने के लिए, अंतरराज्यीय अध्ययन दौरे आयोजित किए जाएंगे, जिसमें एचडीएफसी बैंक का सीएसआर कार्यक्रम सहायता प्रदान करेगा। यह पहल रेशम की खेती को बढ़ावा देने और पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।