November 8, 2024

मेडिकल डिवाइस पार्क खोलेगा उन्नति के नए द्वार

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सोलन के नालागढ़ उपमण्डल की ग्राम पंचायत मंझोली के घीड़ तथा तैलीवाला गांव में प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण पर 349.83 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जा रही है। मेडिकल डिवाइस पार्क के बनने से जहां राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी वहीं प्रदेश के युवाओं के लिए यह पार्क वरदान सिद्ध होगा। पार्क लगभग 1623 बीघा भूमि पर निर्मित किया जा रहा है। मेडिकल डिवाइस पार्क के पहले चरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, दूसरे चरण का कार्य अंतिम पड़ाव पर है। मेडिकल डिवाइस पार्क में कैंसर केयर, रेडियोथेरेपी, रेडियोलाजी एंड इमेजिंग, इंप्लांटेबल तथा दंत चिकित्सा, स्टेंट व हड्डी जोड़ने सहित अन्य करीब 150 चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन किया जाएगा।
मेडिकल डिवाइस पार्क की भूमि को समतल करने के लिए लगभग 83.39 करोड़ रुपए, पार्क के मार्गों के निर्माण पर 31.35 करोड़ रुपए, पानी निकासी कार्य पर 12.46 करोड़ रुपए, विद्युत वितरण नेटवर्क पर 25.05 करोड़ रुपए तथा जलापूर्ति के लिए 7.79 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार द्वारा व्यय किए जा रहे हैं।
मेडिकल डिवाइस पार्क में 3डी डिजाइन, रैपिड प्रोटोटाइप तथा टूलिंग लैब पर 27.91 करोड़ रुपए, सॉफ्टवेयर, डाटा ऐनालिटिक्ट ज़ोन तथा इंटरनेट ऑफ मेडिकल थिंग्स (आई.ओ.एम.टी.) लैब पर 14.2 करोड़ रुपए तथा एक बड़े केन्द्रीय गोदाम पर 22.2 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं।
‘वन स्टॉप डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित किए जा रहे मेडिकल डिवाइस पार्क में प्रयोगशालाएं और केन्द्र सुविधाएं होंगी, जो एक केन्द्रीकृत स्थान पर विधिक प्रकार के परीक्षणों को सुव्यवस्थित करेंगी। इस रणनीतिक दृष्टिकोण का उद्देश्य विनिर्माण लागत को कम करना, चिकित्सा उपकरणों के उपयोग को अनुकूलित करना और देशभर में चिकित्सा उपकरण निर्माण के लिए एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
प्रदेश सरकार द्वारा इस मेडिकल डिवाइस पार्क में लगभग 120 औद्योगिक प्लांट विकसित किए जाएगें, जिस पर देश व विदेश के विभिन्न उद्योग चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगे इन उद्योगों के स्थापित होने से लगभग 10 हजार लोगों को रोज़गार मिलेगा।
देश में सोलन ज़िला के बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र ने औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बी.बी.एन. क्षेत्र जहां हिमाचल का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है वहीं यह क्षेत्र एशिया में फार्मा हब के रूप में भी जाना जाता है। क्षेत्र में देश की लगभग 35 प्रतिशत दवाओं का उत्पाद होता हैं।
हिमाचल प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क के निर्माण होने से जहां बीबीएन क्षेत्र को फार्मा हब के रूप में जाना जाता है, वही इसके निर्माण के बाद इस क्षेत्र की चिकित्सा उपकरण निर्माण में भी पहचान बनेगी।