February 5, 2025

अनुमति आधारित जमीनों की जमाबंदी की ई-केवाईसी करने में मंडी जिला प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर

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करसोग, जिला में अब तक हो चुकी है 67 प्रतिशत जमीन संबंधित खातों की ई-केवाईसी, जमीन संबंधित रिकाॅर्ड आधार नंबर के साथ किया जा रहा है लिंक, लोगों को मिलेगा इसका सीधा लाभ

राजस्व कार्यो में सुधार से संबंधित राज्य सरकार की अभिनव या परिवर्तनात्मक पहल अब धरातल पर दिखाई देने लगी है। राजस्व अदालतों के माध्यम से जहां लोगों के इंतकाल, निशानदेही जैसे मामलों का शीघ्रता से निपटारा हो रहा है वहीं अब राज्य सरकार के निर्देशानुसार अब सभी जमीन मालिकों की जमीन संबंधित अनुमति आधारित जमाबंदी की ई-केवाईसी यानि जमाबंदी की अनुमति आधारित आधार सीड़ीग भी की जा रही है। इससे किसानों की जमीनों का संपूर्ण रिकाॅर्ड आधार नंबर के साथ लिंक हो जाएगा।
मंडी जिला प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर
अनुमति आधारित किसानों की जमीनों से संबंधित जमाबंदी की ई-केवाईसी प्रक्रिया को मंडी जिला में प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जा रहा है। जिसके कारण मंडी जिला जमीनों की जमाबंदी ई-केवाईसी करने वाला प्रदेश भर में सबसे अग्रणी जिला बना हुआ है। मंडी जिला में अब तक सबसे ज्यादा 67 प्रतिशत जमीन संबंधित खातों की ई-केवाईसी की जा चुकी है। चंबा जिला 65 प्रतिशतता के साथ दूसरे स्थान पर जबकि किन्नौर जिला 62 प्रतिशतता के साथ तीसरे स्थान पर चल रहा है।
(यह आंकड़े 27 जनवरी, 2025 की 3.30 बजे तक की रिपोर्ट पर आधारित है)
अन्य जिलों की स्थिति
बिलासपुर जिला में 59 प्रतिशत, हमीरपुर में 61 प्रतिशत, कांगड़ा में 34 प्रतिशत, कुल्लू जिला में 60 प्रतिशत, लाहौल स्पीति में 55 प्रतिशत, शिमला में 54 प्रतिशत, सिरमौर में 56 प्रतिशत, सोलन में 31 प्रतिशत जबकि ऊना जिला में 58 प्रतिशत और प्रदेश भर में कुल 52 प्रतिशत जमाबंदी खातों की ई-केवाईसी की जा चुकी है।
राज्य सरकार ने तैयार की है एप्प
राज्य सरकार ने परिवर्तनात्मक पहल के अन्तर्गत जमीनों की जमाबंदी की ई-केवाईसी करने और जमीन संबंधित रिकाॅड को डिजिटल करने के उद्देश्य से डिजिटल टेक्नोलाॅजी एडं गवर्नेंस विभाग के माध्यम से ई-केवाईसी मोबाइल एप्प तैयार की है, जिसमें आधार नंबर की मदद से जमीन मालिक के चेहरे की भी पहचान होगी। जमीन का पूरा रिकाॅर्ड आधार नंबर के साथ लिंक किया जाएगा। जमीन की ई-केवाईसी होने से किसानों का भूमि संबंधित रिकाॅर्ड आॅनलाईन हो जाएगा। जिससे जमीनों का पंजीकरण और विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र जारी करने में भी आसानी होगी।
लोगों को मिलेगा लाभ
जमीनों की जमाबंदी संबंधित ई-केवाईसी करना, राज्य सरकार की व्यवस्था परिवर्तन और राजस्व कार्यो में सुधार करने की दिशा में एक बड़ी परिवर्तनात्मक पहल है। इसका सीधा लाभ प्रदेश के भूमि मालिकों को मिलेगा। उन्हें पटवार घरों के चक्कर काटने से छुटकारा मिलेगा। भूमि मालिक कहीं पर भी आधार नबंर के माध्यम से अपनी जमीन से संबंधित रिकाॅड को आॅनलाइन देख सकेंगे। जमीन की ई-केवाईसी के बाद बैंकों से ऋण लेना आसान होगा। पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए भी ई-केवाईसी को अनिवार्य बनाया जा रहा है।
करसोग तहसील में 68 प्रतिशत ई-केवाईसी
करसोग तहसील में 68 प्रतिशत जमीन खातों की ई-केवाईसी पूर्ण हो चुकी है। सभी पटवारघरों में ई-केवाईसी करने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। तहसीलदार करसोग डाॅ. वरूण गुलाटी स्वयं प्रतिदिन आधार पर ई-केवाईसी, इंतकाल, निशानदेही जैसे मामलों की माॅनिटरिंग कर रहे है।
कोट्स
राज्य सरकार के निर्देशानुसार मंडी जिला भर में सभी जमीन मालिकों की जमाबंदी संबंधित ई-केवाईसी की जा रही है। राज्य सरकार की इस अभिनव पहल का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिले, इसके प्रयास किए जा रहे है। जमीन मालिक अपनी जमाबंदी संबंधित ई-केवाईसी पटवारघरों में करवा सकते है।