कोकिला शारदा सिन्हा का निधन
बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। उन्होंने मंगलवार रात करीब 9:20 बजे दिल्ली स्थित AIIMS में आखिरी सांस ली।इसी के साथ की एक सदी का अंत हो गया है। छठ पूजा का पर्याय पद्म भूषण शारदा सिन्हा ने छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय को ही दुनिया को अलविदा कहा है। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं और एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थीं। इस घटना से ठीक पहले शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने बताया था कि उनकी हालत बिगड़ गई है और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है। उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी हालत खराब है डॉक्टर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं। शारदा सिन्हा के बेटे ने वेंटिलेटर पर जाने की दी थी खबर
बेटे अंशुमान सिन्हा ने शारदा सिन्हा की तबीयत के बारे में 5 नवंबर की दोपहर बताया था कि उनकी हालत नाजुक है। वह ICU में हैं, जिन्हें डॉक्टर्स देख रहे हैं। बेटे के मुताबिक, उनकी मां से बात भी हुई थी। 4 नवंबर की शाम से वह वेंटिलेटर पर थीं। बेटे को इस बात की उम्मीद थी कि शारदा सिन्हा ठीक हो जाएंगी। वहीं, ‘आज तक’ से हुई बातचीत में बताया था कि इस बार ये सच्ची खबर है, मां वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने कहा था, ‘मैंने अभी कन्सेंट साइन किया है, प्रार्थना करते रहिए। मां बहुत बड़ी लड़ाई में मां जा चुकी हैं। मुश्किल है, काफी मुश्किल है, इस बार काफी मुश्किल है।’चानक केस बिगड़ा था, बेटे ने मां के लिए प्रार्थना करने की अपील की थी
अंशुमन ने उन्हें चाहने वालों से विनती की थी और कहा था कि बस यही प्रार्थना कीजिए कि वो इससे लड़कर बाहर आ सकें। उन्होंने कहा था -छठी मां कृपा करें, अभी फिलहाल डॉक्टर्स मिले तो उन्होंने यही कहा है कि अचानक केस बिगड़ा है और सब कोशिश कर रहे हैं।शारदा सिन्हा 2017 से कैंसर से जूझ रही थीं
बता दें कि उनके बेटे अंशुमन ने पिछले दिनों वीडियो शेयर कर मां का हाल खुलकर बताया था। हालांकि, उन्होंने तब कहा था कि मां की हालत ठीक है और वो वेंटिलेटर पर नहीं हैं। उन्होंने तब लोगों को गलत खबरें न फैलाने की रिक्वेस्ट की थी। इसी दौरान उन्होंने मां की बीमारी के बारे में भी बातें की थी।सबको अपना कष्ट बताना उनको पसंद नहीं था
अंशुमन ने कहा था, ‘शारदा जी 2017 से मल्टिपल माइलोमा (ब्लड कैंसर) से लड़ाई लड़ रही हैं। हम परिवार के सभी लोग इस बात को जानते हैं। मां नहीं चाहती थीं कि उनकी पर्सनल तकलीफ को सबके साथ शेयर करने की जरूरत है। मां का कहना था कि मैं अपना काम हमेशा करती रहूंगी और सबको अपना कष्ट बताना उनको पसंद नहीं।’ अंशुमन ने बताया था कि मां ने कभी ये प्रेफर नहीं किया कि उन्हें क्या तकलीफ है, क्या बीमारी है, इस बात की चर्चा करते हुए काम करें, ये उनको बिल्कुल पसंद नहीं था।पति के निधन के बाद से शारदा सिन्हा की तबीयत बिगड़ने लगी थी
उन्होंने ये भी बताया था कि ये बीमारी तो उन्हें 2017 से थी लेकिन उनकी हालत बहुत ज्यादा खराब तब हुई है जब पिताजी के देहांत हुआ। इस घटना से उन्हें काफी धक्का लगा, उस शॉक ने उनके मनोबल को तोड़कर रख दिया। बेटे ने कहा था, ‘मां जिस गति से चल रही थीं अपने कार्य को ओर, पिता जी के जाने के बाद उसमें एक बहुत बड़ा झटका आया।’शारदा सिन्हा ‘पद्मश्री’ और ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित
शारदा सिन्हा ने भोजपुरी और मैथिली में काफी सारे लोकगीत गाए। उन्होंने बॉलीवुड में सलमान खान की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के भी गाने में अपनी आवाज दी है। संगीत की दुनिया में उनके अहम योगदान के लिए सिंगर को साल 1991 में ‘पद्मश्री’ और 2018 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। शारदा सिन्हा हमारे बीच अब भले नहीं रहीं, लेकिन उनकी वो आवाज कभी खत्म नहीं होगी जो छठ के दौरान घाटों पर सुनकर लोग भावविभोर हो उठते हैं। इनकी वो आवाज हमेशा गूंजती रहेगी,
