खड़गे ने लगाया पुलिस और मिलिट्री बुलाकर हाउस चलाने का आरोप
नई दिल्ली, राज्यसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व उपसभापति के बीच तीखी नोकझोंक दिखी। नेता प्रतिपक्ष ने उपसभापति से पूछा कि यह सदन आप चला रहे हैं या गृहमंत्री अमित शाह चला रहे हैं। खड़गे ने आरोप लगाया कि सदन के वेल में सीआईएसएफ के जवानों को तैनात किया गया। उन्होंने कहा कि सदन के वेल में सीआईएसएफ सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी से विपक्ष को कड़ी आपत्ति है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसदों को संसद में जनहित के मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आप सीआईएसएफ को अंदर लाते हैं। हमारे संसद के स्टाफ यहां सक्षम हैं, लेकिन आप पुलिस और मिलिट्री को लाकर यहां हाउस चलाना चाहते हैं।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इन आरोपों का खंडन किया। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने सदन में मिलिटरी व पुलिस की बात कही, लेकिन यह बात असत्य है। सदन में केवल मार्शल ही होते हैं और मार्शल ही सदन में आए थे। उन्होंने उप सभापति से पूछा कि ऐसे झूठे तथ्यों को दिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए?
वहीं नेता सदन व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भी विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि सदन में केवल मार्शल होते हैं और यहां मार्शल ही हैं। नड्डा का कहना था कि विपक्ष में बैठे सांसदों को अपना विरोध जताना भी नहीं आता। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग इस तरह से किया जाना चाहिए जिससे कि किसी दूसरे व्यक्ति के अधिकारों का हनन न हो।
दरअसल इस पूरे विषय पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपसभापति हरिवंश को एक पत्र लिखा था। अपने इस पत्र में उन्होंने लिखा कि वे इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि किस तरह सीआईएसएफ कर्मियों को सदन के वेल में दौड़ने के लिए मजबूर किया जाता है, और वह भी तब जब विपक्ष के सांसद अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग कर रहे होते हैं।”
विपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्यसभा के सभापति के अचानक और अभूतपूर्व इस्तीफे के बाद राज्यसभा के कक्ष पर सीआईएसएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि सीआईएसएफ एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है जो केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। वहीं खरगे ने अपने पत्र में कहा था कि सदन में सीआईएसएफ जवानों को तैनात करना आपत्तिजनक है। वह इसकी निंदा करते हैं।
